दिवालिया कंपनी रिलायंस कैपिटल (आरकैप) के बोलीदाताओं ने अपने प्रस्ताव जमा कराने के लिए अतिरिक्त समय मांगा है क्योंकि वे फिलहाल कंपनी की परिसंपत्तियों की पहचान करने में लगे हैं।
बोलीदाताओं में पीरामल कैपिटल, टॉरंट, ओकट्री कैपिटल और इंडसइंड बैंक शामिल हैं। उन्होंने कंपनी प्रशासक को पत्र लिखकर बोली जमा कराने की अंतिम समय-सीमा को 10 अगस्त से बढ़ाकर 15 सितंबर करने की मांग की है। समाधान योजना जमा कराने की अंतिम तिथि को पिछले चार महीनों में चार बार पहले ही बढ़ाया जा चुका है।
रिलायंस कैपिटल की समाधान प्रक्रिया का जायजा लेने के लिए आगामी सप्ताह में लेनदारों की समिति (सीओसी) की बैठक होने वाली है। बैठक में बोली जमा कराने के लिए समय-सीमा बढ़ाने पर निर्णय लिया जाएगा।
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) सहित कई ऋणदाताओं ने रिलायंस कैपिटल पर कुल 25,333 करोड़ रुपये का दावा किया है। रिलायंस कैपिटल की दो सहायक कंपनियों- आवास ऋण एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी)- के बहीखातों पर 25,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण है।
एक बैंकिंग सूत्र ने कहा कि बैठक में समय-सीमा बढ़ाने के लिए मंजूरी दी जा सकती है क्योंकि मैदान में अधिक बोलीदाता मौजूद नहीं हैं। शुरू में जिन 54 कंपनियों ने आरकैप के लिए बोली लगाने में दिलचस्पी दिखाई थी उनमें से अब केवल चार ही मैदान में मैजूद हैं।
आरकैप की समाधान प्रक्रिया की राह में शुरू से नियामकीय बाधाएं दिखती रही हैं। आरकैप के विभिन्न कारोबारी समूहों के लिए अलग-अलग बोलीदाताओं द्वारा कंसोर्टियम बनाने की पूर्व शर्त और पूरी तरह नकद बोली लगाने की शर्त ने अधिकांश बोलीदाताओं को दूर कर दिया।
