पीरामल एंटरप्राइजेज ने दीवान हाउसिंग फाइनैंस लिमिटेड (डीएफएचएल) का अधिग्रहण पूरा कर लिया है। कंपनी ने आज कहा कि इस अधिग्रहण के लिए उसने 34,250 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया। डीएचएफएल पहली ऐसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है, जिसके संकट का समाधान दिवालिया एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत सफलपतापूर्वक पूरा किया गया है।
इस अधिग्रहण के बाद पीरामल का खुदरा कारोबार 5 गुना तक बढ़ जाएगा। इस सौदे के बाद इसके ऋण कारोबार में अब खुदरा और थोक ऋणों की हिस्सेदारी आधी-आधी हो जाएगी। अब तक पीरामल मोटे तौर पर थोक ऋण कारोबार से जुड़ी थी। हाालंकि एक अवधि के बाद कंपनी खुदरा ऋण आवंटन पर अधिक ध्यान देगी और यह अनुपात (खुदरा एवं थोक ऋणों का) बढ़ाकर 67:33 कर देगी।
पीरामल ग्रुप के चेयरैमैन अजय पीरामल ने अधिग्रहण पर कहा, ‘डीएचएफएल का अधिग्रहण पूरा करने के बाद हमारे ऋण बहीखाते में खुदरा एवं थोक ऋण आवंटन का अनुपात बराबर हो जाएगा। हम भविष्य में थोक ऋण आवंटन में कमी कर खुदरा ऋण आवंटन पर अधिक ध्यान देना चाहते हैं। कुल मिलाकर हम खुदरा ऋण कारोबार की हिस्सेदारी बढ़ाकर दो तिहाई करेंगे। पीरामल ने कहा कि कंपनी मझोली आकार की कंपनियों को थोक ऋणों का आवंटन करेगी। डीएचएफएल के थोक ऋण खाते के बारे में पीरामल ने कहा, ‘हम थोक ऋणों का हिस्सा कम कर खुदरा ऋण आवंटन पर अधिक ध्यान देंगे।
डीएचएफएल के अधिग्रहण के बाद आगामी हफ्तों में पीरामल कैपिटल ऐंड हाउसिंग फाइनैंस का विलय डीएचएफएल में हो जाएगा। इसके बाद तैयार नई कंपनी सस्ते आवास ऋण खंड में कारोबार पर ध्यान देगी। पीरामल ने कहा, ‘यह अधिग्रहण अगले दो हफ्तों में पूरा हो जाएगा। हम देश के बड़े शहरों के साथ मझोले और छोटे शहरों में भी कारोबार बढ़ाने पर ध्यान देंगे।’ उन्होंने कहा कि देश के मझोले और छोटे शहरों में ऋण आवंटन में प्रतिस्पद्र्धा बहुत अधिक नहीं है और ब्याज दर कम से कम रखने की होड़ भी नहीं है। पीरामल ने कहा कि उनकी कंपनी ज्यादातर गैर-वेतनभोगी लोगों को ऋण देगी और उनकी साख का पता करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करेगी।
पीरामल द्वारा 34,250 करोड़ रुपये के कुल भुगतान में 14,700 करोड़ रुपये अग्रिम नकद भुगतान और 19,550 करोड़ रुपये के बॉन्ड शामिल हैं। स्टॉक एक्सचेंजों को भेजी जानकारी में पीरामल एंटरप्राइजेज ने कहा कि डीएचएफएल के ऋणदाताओं को कंपनी की ऋण समाधान योजना से 38,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। पीरामल ने कहा कि इस रकम में 34,250 करोड़ रुपये पीरामल एंटरप्राइजेज और 3,800 करोड़ रुपये डीएचएफएल के पास जमा नकदी से आएंगे। बयान में कहा गया, ‘डीएचएफ एल के 70,000 से अधिक कर्जदाताओं में ज्यादातर कर्जदाताओं को उनकी बकाया रकम का करीब 46 प्रतिशत हिस्सा मिल रहा है।’
डीएचएफएल के अधिग्रहण के बाद देश में पीरामल की शाखाओं की संख्या बढ़ जाएगी और नई जगहों तक पहुंचने में भी कंपनी को मदद मिलेगी। इस समय पीरामल 10 राज्यों के 40 शहरों में कारोबार कर रही है मगर डीएचएफएल के साथ आने के बाद इसकी उपस्थिति 24 राज्यों के 236 शहरों में हो जाएगी। इतना ही नहीं, कंपनी के ग्राहकों की संख्या भी बढ़कर करीब 10 लाख हो जाएगी।