मूल दवाओं के स्थानापन्न बायोजेनेरिक दवाओं (या बायोसिमिलर) को लेकर भले ही पूरी दुनिया में बहसें हो रही हों, लेकिन जिन दवा कंपनियों ने देश में बायोजेनेरिक दवाएं लॉन्च कीं, उनका कारोबार तेजी से आगे बढ़ रहा है।
डॉ. रेड्डीज, बायोकॉन, रिलायंस लाइफ साइंसेज और रैनबैक्सी जैसी सभी दवा कंपनियां भविष्य को ध्यान में रख अपने बायोजेनेरिक कारोबार को मजबूत करने में जुटी हैं। मालूम हो कि दवा कंपनियां विदेशों में विकसित दवाओं की पेटेंट अवधि समाप्त होने पर जैवप्रौद्योगिकी तकनीक से उसकी नकल कर बाजार में बायोजेनेरिक वर्जन लॉन्च कर देती हैं।
रिलायंस लाइफ साइंसेज (आरएलएस) के सीईओ और अध्यक्ष के. वी. सुब्रमण्यन ने बताया, ”भारत में बायोजेनेरिक दवाओं का कारोबार करीब 600 करोड़ रुपये का है। अमेरिका और यूरोप में इन दवाओं का कारोबार 2015 तक 21 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।”
बायोकॉन की सीईओ किरण मजूमदार शॉ के मुताबिक, अगले 5 साल में करीब 70 अरब डॉलर के वैश्विक बायोफार्मास्यूटिकल कारोबार में बायोजेनेरिक दवाओं की हिस्सेदारी 40 अरब डॉलर की हो जाएगी।
