अपना ब्रांडेड फॉर्मूलेशन कारोबार अमेरिकी दवा कंपनी ऐबट लैबोरेटरीज को 3.72 अरब डॉलर में बेचने के करीब एक दशक बाद आज अजय पीरामल समूह ने अपने फार्मास्यूटिकल और वित्तीय सेवा कारोबार को दो अलग-अलग इकाइयों में बांटने की घोषणा की। वित्त वर्ष 2021 में 5,776 करोड़ रुपये कारोबार करने वाली पीरामल फार्मा राजस्व के लिहाज से देश की शीर्ष 10 फार्मा कंपनियों में शामिल थी। हालांकि पीरामल फार्मा की कुल आय में भारतीय कारोबार की हिस्सेदारी केवल 15 फीसदी है और इसकी ज्यादातर आय (करीब 48 फीसदी) उत्तरी अमेरिका के बाजारों से होती है। पीरामल समूह की कुल आय में फार्मा कारोबार की हिस्सेदारी करीब 45 फीसदी है और शेष आय वित्तीय सेवा कारोबार से आती है।
योजना के मुताबिक समूह की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी पीएचएल फिनइन्वेस्ट का विलय पीरामल एंटरप्राइजेज (पीईएल) में किया जाएगा और देश की सबसे बड़ी सूचीबद्घ एनबीएफसी बनाई जाएगी। विलय के बाद बनी हाउसिंग फाइनैंस कंपनी डीएचएफएल के अधिग्रहण के पश्चात पीरामल एंटरप्राइजेज के पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई बनी रहेगी।
पीईएल के शेयरधारकों को कंपनी के प्रत्येक शेयर पर पीरामल फार्मा के अतिरिक्त चार शेयर मिलेंगे। दोनों कंपनियों को अलग करने के पीछे कारोबार का बेहतर प्रबंधन करने और शेयरधारकों को ज्यादा तरलता प्रदान करने का मकसद है। इसके साथ ही दोनों कारोबार के जोखिम को एक-दूसरे से अलग करना भी इसका लक्ष्य है। इससे निवेशकों को अपनी पसंद के कारोबार के साथ जुडऩे का भी विकल्प मिलेगा।
पीरामल समूह के चेयरमैन अजय पीरामल ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था कि नई व्यवस्था से कारोबारी ढांचा सरल बनेगा और दोनों सूचीबद्घ कंपनियां स्वतंत्र रूप से भविष्य के लिए तैयार होंगी और अपनी विकास की रणनीति पर आगे बढ़ सकेंगी। पीरामल ने कहा, ‘हम पिछले कुछ समय से इस पर काम कर रहे थे क्योंकि निवेशकों ऐसा कारोबार मांग रहे थे, जिस पर पूरा ध्यान रहे। इसी के मद्देनजर फार्मा और वित्तीय कारोबार को अलग किया जाएगा और शेयरधारकों के लिए उसके मूल्य का पता लगाया जाएगा।’
इस खबर से पीईएल का शेयर 1.57 फीसदी बढ़त के साथ 2,886 रुपये पर बंद हुआ और कंपनी का बाजार मूल्यांकन 68,887 करोड़ रुपये पहुंच गया। पीरामल के फार्मा कारोबार में अनुबंध विकास एवं विनिर्माण कारोबार (सीडीएमओ), कॉम्प्लेक्स हॉस्पिटल जेनेरिक कारोबार, भारत में उपभोक्ता स्वास्थ्य देखभाल कारोबार और एलर्गन के साथ नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में संयुक्त उपक्रम शामिल है।
फार्मा की कुल आय में सीडीएमओ की हिस्सेदारी 62 फीसदी, हॉस्पिटल जेनेरिक कारोबार की 29 फीसदी और उपभोक्ता स्वास्थ्य देखभाल कारोबार की हिस्सेदारी 9 फीसदी है।
पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका की प्राइवेट इक्विटी फर्म कार्लाइल ने पीरामल फार्मा में 49 करोड़ डॉलर के निवेश से 20 फीसदी हिस्सेदारी ली थी। पीरामल एंटरप्राइजेज की कार्यकारी निदेशक नंदिनी पीरामल (अब फार्मा कारोबार की प्रमुख होंगी) ने उस समय कहा था कि कर्ज कम करने के साथ ही ताजा इक्विटी निवेश का उपयोग अगले चरण के विकास में किया जाएगा।