पेटीएम इंश्योरटेक द्वारा सामान्य बीमा कंपनी रहेजाक्यूबीई की प्रस्तावित खरीद को भारतीय बीमा नियामक विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) से अनुमति नहीं मिली है। इस सौदे को फिर से निदेशक मंडल के पास भेज दिया गया है।
इस सौदे की अस्वीकृति से स्विस रे जैसी उन कई घरेलू और बहुराष्ट्रीय बीमा कंपनियों की निवेश योजनाओं में बाधा आएगी, जो भारत के तेजी से बढ़ते सामान्य बीमा कारोबार में अपनी मौजूदगी में विस्तार करने की उम्मीद कर रही हैं। यह सौदा वित्त वर्ष 22 के बजट में इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत तक की सरकार की राहत से भी जुड़ा होता।
पेटीएम इंश्योरटेक के इस सौदे की घोषणा जुलाई 2020 में की गई थी और आईआरडीएआई की मंजूरी के साथ वित्त वर्ष 21 के अंत तक यह सौदा पूरा होने की उम्मीद थी। लेकिन इसे बार-बार बढ़ाया जा रहा है, जबकि पेटीएम और पेटीएम इंश्योरटेक दोनों की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस रहेजाक्यूबीई की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए विभिन्न निवेश विकल्पों का प्रयास कर चुकी है।
पता चला है कि आईआरडीएआई वन97 कम्युनिकेशंस द्वारा पेश किए गए निवेश के स्वरूप से मुख्य रूप से इसलिए संतुष्ट नहीं है, क्योंकि एंट फाइनैंशियल जैसी चीनी कंपनियों ने इसमें निवेश किया हुआ है। भारत सरकार को लगता है कि बीमा एक संवेदनशील क्षेत्र है और इसलिए इसमें चीन का संपर्क दिक्कत वाली बात है।
सौदा यह था कि, जैसा कि जुलाई 2020 में बंबई स्टॉक एक्सचेंज को बताया गया था, निवेश कंपनी क्यूओआरक्यूएल प्राइवेट लिमिटेड, जिसमें पेटीएम के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी विजय शेखर शर्मा की बहुमत हिस्सेदारी है, 568 करोड़ रुपये में रहेजाक्यूबीआई में पेड-अप इक्विटी का 100 प्रतिशत अधिग्रहण करेगी। क्यूओएरक्यूएल में शर्मा की 51 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि 49 फीसदी हिस्सेदारी पेटीएम के पास है।
चीन की समस्या से निपटने के लिए पेटीएम ने इस साल जून में शर्मा की क्यूओआरक्यूएल को सौदे के वित्त पोषण के लिए 740 करोड़ रुपये के ऋण की पेशकश की थी। इसकी निवेश शाखा के वित्त पोषण के स्रोत के संबंध में आरडीएआई के सवालों के जवाब में ऐसा बताया गया था।
जब इससे भी नियामक संतुष्ट नहीं हुआ, तो बोलीदाताओं ने खरीद की एक संशोधित योजना पेश की। वन97 कम्युनिकेशंस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी पेटीएम इंश्योरटेक रहेजाक्यूबीई में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी। पेटीएम इंश्योरटेक इस सौदे को आईआरडीएआई के लिए आकर्षक बनाने के वास्ते इसमें दुनिया की सबसे बड़ी पुनर्बीमा कंपनी स्विस रे को भी ले आई।
पिछले साल अक्टूबर में स्विस रे ने घोषणा की थी कि वह लगभग 920 करोड़ रुपये में पेटीएम इंश्योरटेक में 23 प्रतिशत हिस्सेदारी लेगा। माना जा रहा है कि अगर रहेजाक्यूबीई की खरीद होती है, तो स्विस रे पेटीएम इंश्योरटेक में अपनी हिस्सेदारी काफी हद तक बढ़ा देगी।
