वैकल्पिक निवेश प्लेटफॉर्म ग्रिप और आरव अनमैन्ड सिस्टम्स (एयूएस) ने 3.75 करोड़ रुपये के पट्टा फाइनैंस सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं जिससे भारतीय ड्रोन परिवेश में खुदरा निवेश के लिए मार्ग प्रशस्त हुआ है।
ग्रिप ने कहा है कि वह पट्टा फाइनैंस विकल्प के जरिये भारत के ड्रोन क्षेत्र में कारोबारियों के लिए राजस्व का एक नया स्रोत खोलने की कोशिश कर रही है। इस सौदे के तहत ग्रिप 50 ड्रोन से अधिक के लिए पट्टा फाइनैंस का फायदा उठाते हुए राजस्व के नए स्रोत सृजित करने में एयूएस को समर्थ बनाएगी।
एयूएस की स्थापना 2013 में हुई थी और इसे अब तक 50 लाख एकड़, 15,000 गावों और 35 शहरों में मैप किया गया है। इसके अलावा इसने टाटा स्टील, हिंडाल्को, कोल इंडिया आदि खनन, धातु एवं बिजली क्षेत्र की कंपनियों के लिए 250 से अधिक खानों और 350 स्टॉकयार्ड को कवर किया है।
ग्रिप के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी निखिल अग्रवाल ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत के वाणिज्यिक ड्रोन बाजार में काफी उथल-पुथल दिखा है। देश के खनन, फिल्म एवं फोटोग्राफी और कृषि जैसे तमाम क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग किया जाने लगा है। ऐसे में हम भारत के ड्रोन क्षेत्र के विस्तार में मदद के लिए अपने प्रकार के पहले फाइनैंस सौदे को लेकर काफी उत्साहित हैं।’
एयूएस ड्रोन ऐप्लिकेशन के लिए एंड-टु-एंड एकीकृत समाधान प्रदान करती है। इस प्रकार वह डेटा विश्लेषण के लिए एक ऑपरेटर और क्लाउड प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है। कंपनी लाभप्रद होने का दावा करती है और पिछले तीन वर्षों के दौरान उसने राजस्व में 250 फीसदी तक की वृद्धि दर्ज की है। यह उन तीन कंपनियों में शामिल है जिसके ड्रोन को सरकार द्वारा देश के 6 लाख गांवों की मैपिंग के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है।
एयूएस के सह-संस्थापक एवं सीईओ विपुल सिंह ने कहा, ‘ड्रोन तेजी से भारत में विकास एवं वित्तीय समावेशन का एक वाहक बन रहे हैं। हमारे ड्रोन भारत में सबसे बड़ी खनन एवं धातु कंपनियों और बड़ी बुनियादी ढांचा कंपनियों पर प्रभाव डाल रहे हैं।’
भारत का ड्रोन क्षेत्र के 12.4 फीसदी वार्षिक चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ बढ़कर 2025 तक 5 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस क्षेत्र के राजस्व को मैपिंग और सर्वेक्षण से काफी मजबूती मिल रही है क्योंकि उच्च गुणवत्ता, सटीकता और अपेक्षाकृत कम श्रम बल एवं लागत के कारण इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है।
