प्रमुख एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) ने अपने बोर्ड में चेयरमैन और मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक (सीईओ एवं एमडी) के पद को अलग करने की घोषणा की है। कंपनी ने कहा है कि यह निर्णय 31 मार्च से प्रभावी होगा।
कंपनी ने नितिन परांजपे को अपना गैर-कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त करने की घोषणा की है। फिलहाल वह यूनिलीवर के मुख्य परिचालन अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। कंपनी ने कहा है कि संजीव मेहता एचयूएल के सीईओ एवं एमडी पद पर बरकरार रहेंगे।
यूनिलीवर ने जनवरी में घोषणा की थी कि परांजपे को मुख्य बदलाव अधिकारी एवं मुख्य जन अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया जाएगा। वह यूनिलीवर के कारोबारी बदलाव और एचआर गतिविधियों का नेतृत्व करेंगे। उनका कार्यकाल अप्रैल 2022 से प्रभावी होगा। परांजपे हाइनकेन एनवी के पर्यवेक्षण बोर्ड के भी सदस्य हैं।
एचयूएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजीव मेहता ने कहा, ‘हम एचयूएल में बतौर गैर-कार्यकारी चेयरमैन नितिन की वापसी का स्वागत करते हैं। वह काफी ज्ञान और अनुभव लेकर आएंगे जिससे विचार-विमर्श बेहतर करेगा और बोर्ड का मूल्य बढ़ेगा।’
मेहता ने अपने कार्यकाल के दौरान पूर्ण समर्थन देने के लिए बोर्ड को धन्यवाद दिया और कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों से एचयूएल के बोर्ड का नेतृत्व करना सम्मान की बात है।’
पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) सूचीबद्ध कंपनियों के लिए चेयरपर्सन एवं प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्याधिकारी के पदों को अलग-अलग करना अनिवार्य नहीं किया है। इसके बावजूद एचयूएल ने यह पहल की है। इस महीने के आरंभ में सेबी ने अपनी बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया था। हालांकि इससे पहले उसने सभी सूचीबद्ध कंपनियों को अप्रैल 2022 तक चेयरपर्सन एवं एमडी पदों को अलग-अलग करने के लिए कहा था।
