भले ही महामारी ने दुनिया भर में आतिथ्य क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया हो, लेकिन ऋतेश अग्रवाल की अगुआई वाली ओरावेल स्टेज लिमिटेड (ओयो) के सार्वजनिक बाजारों में जाने के हौसले को महामारी तोड़ नहीं पाई। सूूत्रों के मुताबिक ओयो का 11 से 12 अरब डॉलर मूल्यांकन हासिल करने का लक्ष्य है।
गुडग़ांव की यात्रा तकनीक कंपनी ओयो ने आज भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास अपने 8,430 करोड़ रुपये (1.2 अरब डॉलर) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए ड्रॉफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल कर दिया। कंपनी ने अगस्त में जब माइक्रोसॉफ्ट से 50 लाख डॉलर जुटाए थे, उस समय इसका मूल्यांकन 9.6 अरब डॉलर था। इस पेशकश में 7,000 करोड़ रुपये तक के नए शेयर होंगे और 1,430 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश शामिल है। संस्थापक ऋतेश अग्रवाल और लाइटस्पीड वेंचर पार्टनर्स, सिकोया कैपिटल, स्टार वर्चू इन्वेस्टमेंट लिमिटेड, ग्रीनओक्स कैपिटल, एयरबीएनबी, एचटी मीडिया एवं माइक्रोसॉफ्ट आदि निवेशक अपनी हिस्सेदारी नहीं बेच रहे हैं।
डीआरएचपी में ओयो के प्रमुख प्रवर्तकों के रूप में ऋतेश अग्रवाल, आरए हॉस्पिटैलिटी होल्डिंग्स (केमैन) और एसवीएफ होल्डिंग्स (केमैन) के नाम शामिल हैं। अग्रवाल और आरए हॉस्पिटैलिटी की संयुक्त रूप से 33.15 फीसदी तथा एसवीएफ होल्डिंग्स की 46.62 फीसदी हिस्सेदारी है। बिक्री पेशकश के कुल शेयरों में एसवीएफ इंडिया (सॉफ्टबैंक विजन फंड), ए1 होल्डिंग्स इंक (ग्रैब), चाइना लॉजिंग और ग्लोबल आइवी वेंचर्स एलएलपी का मामूली हिस्सा शामिल है।
अग्रवाल 27 साल केे हैं। उन्होंने 2019 में शुरुआती निवेशकों लाइटस्पीड वेंचर पार्टनर्स और सिकोया इंडिया से शेयर खरीदकर कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 30 फीसदी कर ली है।
आरए हॉस्पिटैलिटी होल्डिंग्स (केमैन) ने 2 अरब डॉलर के प्राथमिक और द्व्रितीयक प्रबंध निवेश चरण पर हस्ताक्षर किए हैं। इस चरण को वैश्विक संस्थागत बैंकों और अग्रवाल के वित्तीय साझेदारों का समर्थन मिला। ऐसे सौदे बहुत कम हुए हैं, जिनमें किसी संस्थापक ने आईपीओ से पहले शुरुआती निवेशकों से हिस्सेदारी वापस खरीदी हो।
डीआरएचपी के मुताबिक ओयो ने नए शेयरों की बिक्री से प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल अपनी कुछ सहायक कंपनियों द्वारा लिए गए कर्ज चुकाने, विस्तार एवं विलय एवं अधिग्रहण के जरिये वृद्धि और कंपनी के समान्य उद्देश्यों पर करने की योजना बनाई है।
