कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ही कार्यालय लौटने से पहले कोविड महामारी से बचाव के लिए टीकाकरण अनिवार्य करने पर जोर दे रहे हैं। लोगों को नौकरी खोजने में मदद करने वाली वेबसाइट इनडीड के एक सर्वेक्षण के अनुसार कर्मचारी और नियोक्ता दोनों इस बात पर सहमत हैं कि कार्यालयों में या कार्य स्थलों पर प्रवेश से पहले कोविड से बचाव का टीका लगवाना एक अनिवार्य शर्त होनी चाहिए। इस सर्वेक्षण में जितने नियोक्ताओं से बात की गई उनमें लगभग दो तिहाई ने कहा कि टीका लगवाने से इनकार करने वाले कर्मचारियों को वे कार्यस्थल पर या तो नहीं आने देंगे या उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहेंगे।
इनडीड के शशि कुमार (हेड ऑफ सेल्स) ने कहा, ‘कर्मचारियों की भर्ती से पहले टीकाकरण एक अहम शर्त बन गई है। कुछ कारोबारी संस्थान या तो टीकाकरण अनिवार्य कर रहे हैं या नए लोगों को कोविड महामारी से बचाव के टीके लगवाने के लिए कह रहे हैं। कर्मचारी और नियोक्ता दोनों मोटे तौर पर इस बात पर सहमत हैं कि घर से और कार्यालय दोनों जगहों से काम करने की व्यवस्था (हाइब्रिड मॉॅडल) शुरू की जानी चाहिए। कर्मचारी भी रोज घर से या रोज कार्यालय आकर काम करने के पक्ष में नहीं हैं। आने वाले समय में घर और कार्यालय दोनों जगहों से काम करने का ही चलन दिखेगा।’
इनडीड के अध्ययन में यह बात सामने आई है कि 52 प्रतिशत नियोक्ता और 61 प्रतिशत कर्मचारी हाइब्रिड मॉडल के पक्ष में हैं।
इनडीड के अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि 94 प्रतिशत नियोक्ताओं और 87 प्रतिशत कर्मचारियों का मानना है कि कार्यालय आ रहे लोगों को कम से कम एक खुराक अवश्य लगवा लेनी चाहिए। करीब आधे कर्मचारी टीकाकरण के संबंध में पारदर्शिता अपने नियोक्ता पर छोड़ देना चाहते हैं। इस अध्ययन में 87 प्रतिशत कर्मचारियों का मानना है कि उन्हीं लोगों को कार्य स्थलों पर आने की इजाजत दी जानी चाहिए जो कम से कम एक खुराक लगवा चुके हैं। 44 प्रतिशत कर्मचारियों ने कहा कि कार्यालय आने वाले लोगों को अपने साथ टीकाकरण संबंधी प्रमाण पत्र साथ लाने की जरूरत नहीं है। 41 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें यह जानने की जरूरत नहीं महसूस होती है कि दूसरे कर्मचारियों ने टीके लगवाएं हैं या नहीं।
इसकी वजह संभवत: यह हो सकती है कि उन्हें पता है कि उनके नियोक्ता टीका नहीं लगवाने वाले कर्मचारियों को कार्यालयों में प्रवेश की अनुमति नहीं देंगे। इनडीड के अनुसार कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ही टीकाकरण पर जोर दे रहे हैं जो इस बात का संकेत है कि वे महामारी से हुए आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक व्यथा को पीछे छोड़ कर आगे बढऩा चाहते हैं। सर्वेक्षण में करीब आधे कर्मचारियों ने कहा कि कोविड महामारी ने उन्हें बुरी तरह प्रभावित किया है।
सर्वेक्षण के अनुसार अधिकांश कर्मचारियों ने कहा कि टीके लगवाने के लिए उनके नियोक्ताओं को कुछ प्रोत्साहन देना चाहिए। हालांकि आधे नियोक्ताओं ने कहा कि टीके लगवाने के लिए वे कर्मचारियों को अलग से कोई प्रोत्साहन रकम नहीं देना चाहते हैं।
