दुनिया की प्रख्यात टीका निर्माता पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया(एसआईआई) के एक अंडर-इंस्टॉलेशन संयंत्र में गुरुवार को लगी भीषण आग में पांच लोगों की मौत हो गई। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि इमारत के बाहर चल रहे वेल्डिंग कार्य से फैली चिंगारी से यह आग लगी और यह बिल्डिंग के कुछ फ्लोर में तेजी से फैल गई। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि इस घटना की जांच कराई जाएगी।
एसआईआई के मुख्य कार्याधिकारी अदार पूनावाला ने जानमाल के नुकसान पर संवेदना व्यक्त करते हुए आश्वासन दिया कि कोविशील्ड टीके का उत्पादन इस घटना से प्रभावित नहीं होगा। कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘आज सीरम इंस्टीट्यूट में, हम सभी के लिए दुखद दिन है। दुख की बात यह है कि मंजरी के सेज में स्थित इस इंस्टॉलेशन इकाई में लगी आग से जानमाल का नुकसान हुआ है। हम इस घटना में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना प्रकट करना चाहते हैं।’ कंपनी ने मृतकों के प्रत्येक परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।
पूनावाला ने पुणे शहर की पुलिस और अग्निशमन विभाग का आभार प्रकट करते हुए अपने एक ट्वीट में कहा, ‘मैं सभी सरकारों और जनता को आश्वास्त करना चाहूंगा कि कई उत्पादन इमारतों की वजह से कोविशील्ड उत्पादन को नुकसान नहीं पहुंचेगा, क्योंकि इन्हें किसी आकस्मिक घटनाओं की आशंका को देखते हुए आरक्षित रखा गया था।’
महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी कहा है कि घटना की व्यापक जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘संयंत्र में कोविशील्ड टीके की निर्माण प्रक्रिया सुरक्षित है।’
यह हादसा पुणे के छोर पर स्थित कंपनी के मंजरी संयंत्र में करीब दोपहर दो बजे एम सेज3 इमारत में हुआ, जहां रोटावायरस वैक्सीन का निर्माण किया रहा है। टोपे ने बताया, ‘घटनास्थल पर इनफ्लेमेबल इंस्यूलेशन पदार्थ फैल गया था जिससे आग लग गई।’ फायर इंजनों और वाटर टैंकरों को आग पर काबू पाने में करीब तीन घंटे लगे। टोपे ने कहा, ‘परिसर के अंदर पांच शव पाए गए हैं। हताहतों के बारे में सही जानकारी जल्द मुहैया कराई जाएगी।’
पुणे के पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने कहा, ‘जिस इमारत में आग लगी है, उसमें कोई उत्पादन नहीं हो रहा था। घटनास्थल पर राहत कार्य पूरा हो जाने पर हम आग लगने की घटना की जांच कराएंगे।’
