सरकारी स्वामित्व वाली तेल उत्खनन कंपनी ओनएनजीसी का नाम इन दिनों सुर्खियों में है। वजह भी पुख्ता है।
उसकी सहायक कंपनी ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) ब्रिटेन की कंपनी इम्पीरियल एनर्जी के अधिग्रहण का ऐलान कर चुकी है। इसके बाद से ओएनजीसी के शेयर खासी उछलकूद भी कर रहे हैं।
गुरुवार को कंपनी के शेयर 999.75 रुपये पर बंद हुए थे, लेकिन शुक्रवार का कारोबार खत्म होने पर उनका भाव 1,022.25 रुपये रहा। हफ्ते भर की अटकलों और सुर्खियों के बाद आखिरकार ओवीएल ने ब्रिटिश कंपनी इंपीरियल को खरीदने के लिए 2.6 अरब डॉलर (12,846 करोड़ रुपये) की पेशकश रख दी है। वह प्रत्येक शेयर की कीमत 1,250 पेंस लगा रही है।
जिस समय शेयर बाजार में खबर आई कि कंपनी ने 1.4 अरब पाउंड की बोली ब्रिटेन की कंपनी के लिए लगा दी है, तो निवेशक यह समझ ही नहीं पाए कि आखिर रकम कहां से जुटाई जाएगी। नतीजा, शेयरों की बिकवाली हुई और ओएनजीसी के शेयर 1.08 प्रतिशत घटकर 1,001 रुपये पर पहुंच गए।
वैसे ब्रिटेन की इस कंपनी के पीछे भारतीय कंपनी के अलावा चाइना पेट्रोलियम ऐंड केमिकल कॉर्पोरेशन यानी साइनोपेक के लगे होने की भी बात थी, लेकिन शुक्रवार को चीनी कंपनी कहा कि उसका काउंटरबिड का इरादा नहीं है। इसके अलावा कोरिया नैशनल ऑयल कॉर्पोरेशन जो माना जा रहा था कि दौड़ में शामिल हो सकती है, ने बोली में दिलचस्पी ही नहीं दिखाई।
इसी दौरान ओवीएल ने इम्पीरियल एनर्जी की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया। कंपनी ने सोची समझी रणनीति के तहत यह अधिग्रहण किया था, ताकि दूसरी कंपनियों की ओर से लगाई जाने वाली बोलियों को नाकाम किया जा सके। ओवीएल के प्रबंध निदेशक आर एस बुटोला वैसे भी मानते हैं कि इंपीरियल उनकी झोली में आ चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘हमें ओवीएल की क्षमताओं और अपनी बोली तथा वित्तीय मजबूती पर पूरा भरोसा है। अधिग्रहण के सहारे कंपनी की तकनीकी विशेषज्ञता और विकास की संभावानाओं के साथ-साथ साइबेरिया के तोम्स्क क्षेत्र में कारोबार में इजाफा होगा।’ गौरतलब है कि 25 अगस्त तक कंपनी के शेयर बेहतर प्रदर्शन कर रहे थे, जहां सेंसेक्स में 1.23 प्रतिशत का उछाल था, वहीं कंपनी के शेयरों में 2.94 प्रतिशत का इजाफा देखा जा रहा था।
विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त वर्ष 2008 के अंत में 18,710 करोड़ रुपये नकदी के साथ ओएनजीसी को इम्पीरियल एनर्जी के अधिग्रहण के लिए रकम अदायगी में कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, जो अपनी सहायक कंपनी ओवीएल के माध्यम से इस अधिग्रहण को अंजाम देना चाहती है। इम्पीरियल एनर्जी मुख्यतौर पर रूस के साइबेरियाई क्षेत्र के टॉम्स्क में परिचालन कार्य करती है।
इम्पीरियल एनर्जी ने अपने एक वक्तव्य में जानकारी दी थी कि कंपनी को अभी तक 1,290 पेंस (लगभग 24 डॉलर) प्रति शेयर की पेशकश हो चुकी है। गुरुवार को एनएसई में ओएनजीसी के शेयर की कीमतें काफी निचले स्तर पर लगभग 999.75 रुपये पर बंद हुईं और कंपनी के शेयर की कीमत अभी तक कुल लगभग 19 प्रतिशत गिर चुकी है।
ओएनजीसी का वित्त वर्ष 2008 की पहली तिमाही में शुध्द मुनाफा 6,636.33 करोड़ रुपये रहा जो वित्त वर्ष 2007 की समान तिमाही में कंपनी का शुध्द मुनाफा 4,610.53 करोड़ रुपये और बिक्री बढ़कर 20,052.20 करोड़ रुपये रही जो वित्त वर्ष 2007 की समान तिमाही में 3,687.70 करोड़ रुपये थी।