सरकारी कंपनी ऑयल ऐंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) वित्त वर्ष 2021-22 में 30,000 करोड़ रुपये पूंजीगत खर्च करेगी। कंपनी साल के दौरान 2.256 करोड़ टन कच्चा तेल और 24.89 अरब घनमीटर गैस उत्पादन का लक्ष्य लेकर चल रही है।
कंपनी ने एक बयान में कहा, वित्त वर्ष 2021-22 में ओएनजीसी अहम परियोजनाओं पर अनुमानित तौर पर 15,500 करोड़ रुपये खर्च करेगी जबकि अहम सेवाओं पर 13,600 करोड़ रुपये और मैटीरियल की खरीद पर 2,250 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
ओएनजीसी ने कहा, देसी तेल व गैस उद्योग के लिए कंपनी ने आगामी पांच साल में जरूरत वाली वस्तुओं व सेवाओं की सूची मुहैया कराया है। स्थानीय खरीद को लेकर प्रतिबद्धता ओएनजीसी के प्रबंधन ने बिजनेस पार्टनर की बैठक में दोहराई, जो देसी आपूर्ति शृंखला की मजबूती पर केंद्रित है।
बयान में कहा गया है, 300 से ज्यादा बिजनेस पार्टनर को अपनी सलाह देने के लिए आमंत्रित किया गया था, ताकि और बेहतर सहयोग वाला माहौल बनाया जा सके। ओएनजीसी ने विभिन्न पहल को लेकर अपने साझेदारों के साथ हुई बातचीत का ब्योरा साझा किया, जो विकास की नई नीति, ऑनलाइन वेंडर इनवॉइस मैनेजमेंट सिस्टम की शुरुआत, स्टार्टअप को प्रोत्साहन और देसी बिजनेस पार्टनर को प्रोत्साहित करने की कोशिश को आगे बढ़ाने से संबंधित है।
बैठक में ओएनजीसी चेयरमैन व प्रबंध निदेशक सुभाष कुमार ने कहा, ओएनजीसी तकनीक सक्षम प्रक्रिया अपना रही है, जो पारदर्शिता में सुधार ला सकता है और वह भी कम से कम मानवीय हस्तक्षेप के जरिए।
ओएनजीसी के बिजनेस पार्टनरों ने बोली के मूल्यांकन के मानदंडों मसलन अनुबंधित साझेदारों के वित्तीय मानकों, समूह कंपनियों के अनुभव को पात्रता मानना, वेसल्स के प्रमाणीकरण के मानक व अहम परियोजनाओं को पूरा करने की वास्तविक समय सारणी में छूट की मांग की।
कंपनी के निदेशक ओ पी सिंह (टेक्नलॉजी व फील्ड सर्विसेज और मैटीरियल मैनेजमेंट) ने कहा, स्थानीयकरण पर ओएनजीसी की तरफ से जोर दिए जाने के मामला आत्मनिर्भर भारत के लिए है। ओएनजीसी की तरफ से हो रहे सुधार में स्थानीय उद्यम को प्रोत्साहन देना अहम है, जिनकी औसत सालाना खरीद 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
