आवागमन की दिग्गज कंपनी की इलेक्ट्रिक वाहन शाखा – ओला इलेक्ट्रिक ने कहा कि तमिलनाडु में 500 एकड़ के स्थान पर स्थापित होने वाली उसकी फ्यूचरफैक्टरी पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित की जाएगी। अपनी पूरी क्षमता पर फ्यूचरफैक्टरी 10,000 से अधिक महिलाओं को रोजगार देगी, जिससे यह दुनिया की सबसे बड़ी केवल महिलाओं वाली फैक्टरी बन जाएगी और वैश्विक स्तर पर पूर्णत: महिलाओं का एकमात्र वाहन विनिर्माण केंद्र होगा।
ओला के सह-अध्यक्ष और समूह के मुख्य कार्याधिकारी भावेश अग्रवाल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि हमने इस सप्ताह पहले समूह का स्वागत किया है। पूरे बेड़े में महिलाओं के लिए आर्थिक अवसर प्रदान करने तथा औरअधिक समावेशी कार्यबल बनाने के लिए यह उन कार्यों की शृंखला का पहला भाग है, जो हम ओला में कर रहे हैं।
ओला ने कहा कि उसने मुख्य विनिर्माण कौशल में उन्हें प्रशिक्षित करने और कुशल बनाने के लिए खासा निवेश किया है। वे ओला फ्यूचरफैक्टरी में विनिर्मित प्रत्येक वाहन के संपूर्ण उत्पादन के लिए जिम्मेदार होंगी। महिलाओं को आर्थिक अवसरों के साथ सक्षम करने से न केवल उनके जीवन में, बल्कि उनके परिवारों और वास्तव में पूरे समुदाय में ही सुधार होता है। दरअसल, ओला ने कहा है कि अध्ययनों से इस बात का पता चलता है कि श्रमिक कार्यबल में महिलाओं को समानता प्रदान करने मात्र से ही भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 27 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।
अग्रवाल ने कहा कि लेकिन इसके लिए हर किसी की तरफ से सक्रिय और जागरूक प्रयासों की आवश्यकता है, खास तौर पर विनिर्माण क्षेत्र में, जहां महिलाओं की भागीदारी केवल 12 प्रतिशत की दर पर सबसे कम है। भारत को दुनिया का विनिर्माण केंद्र बनने के संबंध में अग्रवाल ने कहा कि हमारे महिला कार्यबल के लिए कौशल विकास और रोजगार सृजित करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
ओला फ्यूचरफैक्टरी स्वच्छ आवागमन, कार्बन-नेगेटिव फुटप्रिंट और एक समावेशी कार्यबल वाले जगत के हमारे दृष्टिकोण की ओर बढ़ाया गया एक कदम है। अग्रवाल ने कहा, ‘हम ऐसे कदम उठाते रहेंगे, जो हमें ओला में इनमें से प्रत्येक को हासिल करने के निकट ले जाएं और दूसरों को अपने साथ जुडऩे के लिए प्रोत्साहित करेंगे ताकि हम भारत की उन्नति में तेजी ला सकें।’
ओला ने दिसंबर 2020 में इस बात की घोषणा की थी कि वह फैक्टरी के पहले चरण की स्थापना के लिए 2,400 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। ओला फ्यूचरफैक्टरी तमिलनाडु में 500 एकड़ वाले स्थान पर होगी। सालाना एक करोड़ वाहनों की पूरी क्षमता के साथ यह दुनिया की सबसे बड़ी दोपहिया फैक्टरी होगी और विश्व की 15 प्रतिशत क्षमता को संभालेगी। पहले चरण में इसकी शुरुआती क्षमता सालाना 20 लाख इकाई की होगी।