कैब एग्रीगेटर कंपनी ओला ने यह जानकारी दी है कि इसने अंतरराष्ट्रीय स्तर के दिग्गज संस्थागत निवेशकों से टर्म लोन बी (टीएलबी) के जरिये 50 करोड़ डॉलर रकम जुटाई है। ओला जल्द ही अपना आईपीओ भी लाने की योजना बना रही है। इस टर्म लोन का भाविश अग्रवाल के नेतृत्व वाली कंपनी ओला के मूल्यांकन पर कोई असर नहीं पड़ा है।
बेंगलूरु की इस कंपनी ने हाल ही में 13.9 करोड़ डॉलर जुटाए। सूत्रों के मुताबिक, यह 1 अरब डॉलर के फंडिंग चरण का हिस्सा है जिसके लिए कंपनी निवेशकों के साथ बातचीत कर रही है और जिसका मूल्यांकन बढ़कर करीब 7.5 अरब डॉलर हो गया है।
ओला ने कहा कि प्रस्तावित ऋ ण को लेकर निवेशकों ने काफी दिलचस्पी दिखाई है और साथ ही लगभग 1.5 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता भी जताई है। टर्म लोन कर्ज लेने वालों को विशेष उधारी शर्तों के बदले में एकमुश्त नकद अग्रिम राशि देता है। विशेषज्ञों के अनुसार, टर्म लोन आमतौर पर छोटे कारोबारों को दिया जाता है जिन्हें उपकरण खरीदने, उत्पादन प्रक्रियाओं के लिए एक नई इमारत, या किसी अन्य अचल संपत्ति के लिए नकदी की आवश्यकता होती है।
ओला ने कहा कि यह उन पहले भारतीय स्टार्टअप में से एक है जिसकी सार्वजनिक रेटिंग, दो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों मूडीज और एसऐंडपी ने की है। एसऐंडपी और मूडीज ने ओला के पहले टर्म लोन, बी- और बी3 की रेटिंग स्थिर बताया है।
ओला के संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल ने कहा, ‘हमारे टर्म लोन बी को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और यह हमारे कारोबार की ताकत का परिचायक है। ओला में हम नया मोबिलिटी तंत्र बनाने की यात्रा में तेजी ला रहे हैं ताकि हम एक अरब लोगों की मदद कर सकें।’
सॉफ्टबैंक समर्थित ओला ने कहा कि यह लेन-देन एक मील का पत्थर साबित हो रहा है क्योंकि ओला टीएलबी के जरिये पूंजी जुटाने वाली चुनिंदा भारतीय कंपनियों में से एक है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि ओला इस टर्म लोन का इस्तेमाल अपने विभिन्न कारोबारों की भविष्य की रणनीति के लिए करेगी जिनमें राइड-साझेदारी, वाहनों का कारोबार, फूड डिलिवरी और वित्तीय सेवाएं जैसे कारोबार शामिल हैं। जेपी मॉर्गन और डॉयचे बैंक ने इस फंडिंग का इंतजाम संयुक्त रूप से किया है।
नई फंडिंग ऐसे समय में हो रही है जब ओला का परिवहन कारोबार महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हालांकि सूत्रों ने कहा कि जहां कोविड-19 की वजह से इसके कारोबार में कमी है वहीं इसने महामारी का इस्तेमाल अपने आर्थिक पहलू में सुधार लाने के लिए किया। सूत्रों के अनुसार, ओला अगले कुछ महीनों में इक्विटी और कर्ज के जरिये 1 अरब डॉलर की फंडिंग के लिए बातचीत कर रही है।
