प्रमुख वाहन राइड सेवाएं देने वाली कंपनी ओला ने अपने 200 इंजीनियर की छंटनी कर दी है। इनमें कुछ सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी है। उसने अपने कार्यबल में शामिल 2,000 इंजीनियर में से 10 फीसदी की कटौती कर दी है। ओला ने यह छंटनी अपने इलेक्ट्रिक वाहन सपने को साकार करने के लिए की है। कंपनी अपने आप को इसके लिए पुनर्गठित कर रही है।
ओला ने 500 कर्मचारियों के निकालने की बात से साफ इंकार किया। कंपनी ने कहा कि वह संचालन का केंद्रीकरण कर रही है। इसी के तहत कंपनी अपने आप को पुनर्गठुत कर रही है। अतिरिक्त कार्यबल की छंटनी कर रही है। जिससे कंपनी प्रभावी और सक्षमता से कार्य कर सके।
ओला ने कहा कंपनी के पास अभी 2,000 इंजीनियर है। ओला अपने कार्यबल में अगले डेढ़ साल (18 महीने) में यह संख्या बढ़ाकर 5,000 करना चाहती है।
भाविश अग्रवाल ने इस कंपनी की शुरुआत केवल 11,00 कर्मचारियों का साथ की थी।
पहले हुए पुनर्गठन अभ्यास ने भी कंपनी में उत्पाद, विपणन, बिक्री, आपूर्ति, तकनीक, व्यवसाय और संचालन कार्यक्षेत्र में कर्मचारियों को प्रभावित किया था। जिससे लगभग 500 कर्मचारी प्रभावित हुए थे। जो कार और डैस बिजनेस में पुनर्गठन के कारण निकाले गए थे।
इसके पहले ओला पुरानी कार बेचने और ओला डैस के के बिजनेस को भी बंद कर चुकी है। कंपनी का अब पूरा फोकस इलेक्ट्रिक दोपहिया सेगमेंट में उतरने का है। ओला ने कहा कि उसकी 5,000 इंजीनियरों को नियुक्त करने की योजना है। क्योंकि यह नए इंजीनियरिंग वर्टिकल पर दोगुना हो गया है। यह इंजीनियर कंपनी के वाहन, सेल, बैटरी, विनिर्माण और ऑटोनॉमस सेक्टर में कंपनी की क्षमता को बढ़ाएगे।
हालांकि ओला इलेक्ट्रिक की बिक्री कम हो रही है। जुलाई में कंपनी ने 3862 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री की थी। अगस्त में इसकी वाहनों की बिक्री कम होकर 3,421 ही रह गई।
बीते कुछ महीनों में ओला इलेक्ट्रिक में काम कर रहे आधा दर्जन से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने भी कंपनी से नौकरी छोड़ी। इसके अलावा 30 से अधिक वरिष्ठ अधिकारी पिछले साल ओला में नौकरी करना छोड़ चुके हैं।
हाल ही में ओला इलेक्ट्रिक के एडवांस बैटरी इंजीनियरिंग के प्रमुख अशोक सारस्वत ने नौकरी छोड़ दी थी। सारस्वत पिछले साल ही सॉफ्टबैंक समर्थित ओला में शामिल हुए थे। ऐसा कहा जा रहा है कि अब वह एक ऐसी कंपनी में शामिल हो रहे हैं जो बैटरी बिजनेस में प्रवेश कर रही है।
ईवी दोपहिया वाहनों में आग लगने की घटनाओं ने इसकी बिक्री में कमी कर दी है। बिक्री में कमी के बीच ओकिनावा ऑटोटेक, प्योर ईवी और ओला इलेक्ट्रिक ने देश में बढ़ती इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी में आग लगने की घटनाओं के बाद 6,656 वाहनों को बाजार से वापस ले लिया।
वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों की सुरक्षा को लेकर सरकार भी सख्त है। सरकार ने कहा है कि वह इलेक्ट्रिक वाहनों की सुरक्षा मानकों को लेकर पूरी तरह सतर्क हैं। इसे लेकर विशेषज्ञ अपने काम पर लगे हुए है।