सरकार ने घरेलू क्रूड पर विंडफॉल टैक्स घटा दिया है। इसके साथ ही डीजल और ATF(एयर टरबाइन फ्यूल) के एक्सपोर्ट पर अतिरिक्त ड्यूटी भी घटाई गई है। जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, ओएनजीसी (ONGC) जैसी पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल (क्रूड) पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स 5050 रुपये प्रति टन से घटाकर 4350 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। पेट्रोल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह कटौती 16 फरवरी 2023 से लागू होगी।
सरकार ने डीजल के अतिरिक्त एक्सपोर्ट पर टैक्स 7.50 रुपये/ लीटर से घटाकर से 2.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। डीजल पर लगने वाले शुल्क में 1.50 रुपये प्रति लीटर का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस भी शामिल है। इसके अलावा एयर टरबाइन फ्यूल (ATF) के एक्सपोर्ट पर लगने वाला टैक्स 6 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 1.5 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। पेट्रोल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
क्या होता है विंडफॉल टैक्स
विंडफॉल टैक्स ऐसी कंपनियों या इंडस्ट्री पर लगाया जाता है, जिन्हें किसी खास तरह की परिस्थितियों में इमिडिएट रूप से काफी लाभ होता है। भारत की तेल कंपनियां इसका अच्छा उदाहरण हैं. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया। इससे तेल कंपनियों को काफी फायदा मिला था। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण तेल कंपनियां भारी मुनाफा काट रही थीं, इसलिए उन पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया था। भारत ही नहीं इटली और यूके ने भी अपनी एनर्जी कंपनियों पर यह टैक्स लगाया था।
विंडफॉल टैक्स ऐसी कंपनियों या इंडस्ट्री पर लगाया जाता है, जिन्हें किसी खास तरह या परिस्थितियों में एकदम से काफी लाभ हो रहा हो।
अमूमन सरकारें इस तरह के प्रॉफिट पर टैक्स के सामान्य रेट के ऊपर वन-टाइम टैक्स लगाती है। इसे विंडफॉल टैक्स कहते हैं। यह टैक्स वे कंपनियां या इंडस्ट्री चुकाती है जो खास परिस्थितियों के कारण फायदा कमा रही होती हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण तेल कंपनियां भारी मुनाफा काट रही थीं, इसलिए उन पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया था। भारत ही नहीं इटली और यूके ने भी अपनी एनर्जी कंपनियों पर यह टैक्स लगाया था।