ऑफशोर सलाहकार कंपनी नियोआईटी के तीन वरिष्ठ सलाहकारों ने पिछले एक महीने में कंपनी को अलविदा कह दिया है।
इसमें पिछले 2-3 साल के दौरान कंपनी को भारतीय बाजार में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कंपनी के वरिष्ठ निदेशक सव्यसाची सत्पथी भी शामिल हैं।
वह भी ऐसे समय जब कंपनी के सह-संस्थापक अविनाश वशिष्ठ ने अपनी नई कंपनी ‘थोलोन्स’ शुरू करने के लिए इस कंपनी से किनारा कर लिया था। सव्यसाची ने आईडीसी इंडिया के सॉफ्टवेयर सर्विसेज के प्रमुख के तौर पर 9 साल तक काम किया है।
कंपनी को अलविदा कहने वाले बाकी दो लोगों में नियोआईटी के निदेशक शलभ गर्ग और वरिष्ठ सलाहकार प्रवीण गुप्ता भी शामिल हैं। हालांकि इन लोगों के कंपनी छोड़ने की वजह का पता नहीं चला है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि तीनों मिलकर एक नई कंपनी शुरू करना चाहते हैं। माना जा रहा है कि इसकी घोषणा भी जल्द ही कर दी जाएगी।
इस बारे में सव्यसाची ने कहा कि हम नियोआईटी से अच्छे हालात में अलग हुए हैं और हमारा प्रबंधन के साथ कोई भी मनमुटाव नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘नियोआईटी के साथ पांच साल काम करने का अच्छा अनुभव रहा है। अब हम बाजार के नए आयात तलाशना चाहते हैं।
ग्राहक हमेशा लंबी अवधि के करारों का नवीनीकरण करने की सोचते हैं, इसीलिए हम सेवा प्रदाता कंपनियों के लिए रणनीति बनाने की योजना बना रहे हैं। फिलहाल हम बाजार में नई कंपनी की ब्रांडिंग और सेवाओं पर ध्यान दे रहे हैं।’
अंतरराष्ट्रीय सोर्सिंग सलाहकार कारोबार 4,000 करोड़ रुपये का है और यह बाजार पिछले पांच साल में यह बाजार दहाई के आंकड़े में है।
हालांकि इस उद्योग पर भी अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंदी का असर पड़ेगा क्योंकि अब सभी सेवा प्रदाता कंपनियां अपने खर्चों पर कटौती कर रही हैं।