सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी 15,000 करोड़ रुपये के परिसंपत्ति मुद्रीकरण का सरकार का लक्ष्य पूरा करने के मकसद से अपनी तीन सहायक इकाइयों को सूचीबद्घ कराएगी। ये कंपनियां हैं – एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम (एनवीवीएन), नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (नीपको) और करीब एक साल पुरानी कंपनी एनटीपीसी-रीन्यूएबल एनर्जी (एनआरईएल)। मुद्रीकरण योजना के तहत एनटीपीसी सेल के साथ साझे उपक्रम वाली कंपनी एनटीपीसी-सेल पावर कंपनी से भी बाहर निकलेगी।
एनटीपीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एनआरईएल को अक्टूबर, 2022 से पहले सूचीबद्घ कराया जा सकता है। अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए एनटीपीसी के पूर्ण स्वामित्व वाली इस सहायक इकाई का गठन अक्टूबर, 2020 में किया गया था।
एनटीपीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह ने इस साल जून में कहा था कि एनआरईएल को जल्द ही सूचीबद्घ कराया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हमें पैसे जुटाने के लिए एक ही तरीके पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए। हम पूंजी जुटाने के लिए जल्द ही पूंजी बाजार का रुख करना चाहते हैं।’ कंपनी हर साल 7 से 8 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ रही है।
सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं के अलावा एनटीपीसी हरित हाइड्रोजन और हरित मेथेनॉल पर भी निवेश की संभावना तलाश रही है। सूत्रों ने कहा कि कंपनी मध्य प्रदेश की विध्यांचल थर्मल पावर में हरित हाइड्रोजन का प्रायोगिक उत्पादन शुरू करेगी।
एनटीपीसी अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को दो तरह से विकसित कर रही है। पहला ईपीसी मोड, जिसके तहत वह केंद्र और राज्यों द्वारा जारी निविदा में हिस्सा लेती है और परियोजनाओं का निर्माण करती है। इसके तहत कंपनी ने 1.2 गीगावाट क्षमता की सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाएं विकसित की हैं। दूसरा डेवलपर मोड है, जिसके तहत कंपनी निजी फर्मों को अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं आवंटित करती हैं और उक्त परियोजनाओं में तैयार होने वाली बिजली खरीदकर राज्यों को बेचती है। इसके अंतर्गत 4 गीगावाट की परियोजनाएं परिचालन में हैं और करीब 3 गीगावाट की परियोजनाओं के लिए निविदा को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।
एनटीपीसी ने बिजली के व्यापार के लिए एनवीवीएन का गठन किया था। हालांकि समय के साथ इसने खुद को एनटीपीसी के लिए फ्लाई एश के व्यापार, अक्षय ऊॅर्जा परियोजना, इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन मोबिलिटी और अवशिष्ट से ऊर्जा बनाने आदि के रूप में बदल लिया है। एनवीवीएन हरित, कृषि आधारित ईंधन की खरीद की भी योजना बना रही है। हाल ही में कंपनी ने कृषि अवशेष से बनने वाले 2 करोड़ टन बायो पैलेट की खरीद की निविदा जारी की है।
एनवीवीएन के वरिष्ठ कार्याधिकारियों ने कहा कि इसे एनटीपीसी के लिए ऊर्जा में बदलाव के तौर पर नए सिरे डिजाइन किया गया है और यह उन परियोजनाओं पर काम करती है जो एनटीपीसी के ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक एवं प्रशासन) लक्ष्यों को पूरा करती है। एक अधिकारी ने कहा कि सूचीबद्घता के बाद एनवीवीएन देश में ऊर्जा में बदलाव के लिए अकेली तकनीकी विकास कंपनी होगी।
एनवीवीएन ने 2020-21 में 18 अरब यूनिट बिजली की खरीद-बिक्री की है जो इसके शुरू होने के बाद से सबसे अधिक है। एनवीवीएन पोर्ट ब्लेयर में 40 ई-बसों के बेड़े का संचालन करती है और बेंगलूरु महानगरपालिका परिवहन निगम को 90 ई-बसों की आपूर्ति करने और उसका परिचालन करने की निविदा हासिल की है।
