ब्याज दरों में कटौती के बावजूद वित्तीय संस्थानों से कर्ज के मामले में कोई मदद न मिलने के कारण कार सेगमेंट के हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं।
नवंबर, 2008 में तो कार बिक्री के आंकड़ों में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के आसार हैं। प्रमुख निजी बैंकों की ब्याज दरों में कटौती करने या कर्ज के कड़े नियमों को नरम करने पर लगातार बनी हुई उनकी अरुचि ने हाल के कुछ हफ्तों में ऑटोमोबाइल के लिए मांग में गिरावट का स्तर बढ़ा दिया है।
इसके मद्देनजर कार निर्माताओं को अपने उत्पादन में कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। डीलरों, विशेषज्ञों और निर्माता कंपनियों की ओर से मिले अनुमानों के अनुसार, मौजूदा महीने में कार उद्योग की बिक्री 10 से 15 प्रतिशत घट सकती है।
बिक्री में इतनी बड़ी गिरावट के साथ यह महीना इस साल का सबसे बुरा महीना हो सकता है। पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले पिछले महीने कार सेगमेंट में लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी।
हुंडई मोटर इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (मार्केटिंग एवं बिक्री) अरविंद सक्सेना का कहना है, ‘काम करते रहना बहुत ज्यादा मुश्किल हो गया है। हमें इस महीने उद्योग से विकास दर्ज करने की कोई उम्मीद नहीं है। हम खुद को नकारात्मक विकास दर से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि मुझे उम्मीद है कि बाकी का कार उद्योग इस महीने नकारात्मक प्रदर्शन कर सकता है।’
मंदी का सबसे पहले अनुभव करने वाले डीलरों का मार्जिन तेजी से खत्म होता जा रहा है, जिसका उन पर भारी असर पड़ा है। देश के कई हिस्सों में डीलरों को अपना स्टॉक खत्म करने के लिए अपनी जेब से भारी छूट देनी पड़ रही है।
वाहन विक्रेताओं के महासंघ के अध्यक्ष एस.पी. शाह का कहना है, ‘निश्चित रूप से चीजों ने बुरा रास्ता अख्तियार कर लिया है। न सिर्फ बुकिंग में जबरदस्त गिरावट हुई है, बल्कि कई बाजारों में वाहनों की बिक्री रद्द भी हुई है। इस महीने में कुल बिक्री में 10 से 15 प्रतिशत की गिरावट हो सकती है। हमें डर इस बात का है कहीं ग्राहक अगले साल मार्च तक अपनी खरीद को टाल न दें ताकि अगर उत्पाद शुल्क में कटौती होती है तो उन्हें इसका फायदा मिल सके।’
इस साल अब तक अप्रैल से अक्टूबर तक उद्योग ने जो इजाफा दर्ज किया है, वह पिछले साल की समान अवधि में हुए इजाफे का लगभग एक-चौथाई के बराबर है। अप्रैल से अक्टूबर में इस साल कार सेगमेंट में 3.5 प्रतिशत का विकास दर्ज किया गया है, जो पिछले साल की समान अवधि में 13.4 प्रतिशत था। अक्टूबर के अलावा इस सेगमेंट में अगस्त और जुलाई में भी विकास दर में तेज गिरावट देखने को मिली थी।
होंडा सियल कार्स इंडिया के उपाध्यक्ष जनेश्वर सेन का कहना है, ‘नई सिटी को छोड़ दें तो सिविक, एकॉर्ड और सीआरवी के साथ हमारे सभी मॉडलों का प्रदर्शन बढ़िया नहीं है। बिक्री में जबरदस्त गिरावट आई है, ग्राहक हमारे शोरूमों तक पहुंच तो रहे हैं, लेकिन उचित वित्तीय समाधान की कमी के कारण निराश हो रहे हैं। हम आगे बढ़िया समय नहीं देख रहे हैं।’
रफ्तार पर ब्रेक
नवंबर में कार बिक्री घट सकती है 10 से 15 प्रतिशत
कार निर्माता हो रहे उत्पादन घटाने पर मजबूर
डीलरों को स्टॉक खत्म करने के लिए अपनी जेब से देना पड़ रहा है भारी डिस्काउंट
वाहनों की बुकिंग तक हो रहीं रद्द