अमेरिका की दिग्गज टीका कंपनी नोवावैक्स ने शुक्रवार को कहा कि वह अपनी भारतीय साझेदार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के साथ मिलकर गावी के नेतृत्व वाली कोवैक्स को अपने कोविड-19 टीके की 1.1 अरब खुराक की आपूर्ति करेगी।
टीका उम्मीदवार एनवीएक्स-कोवी2373 ने मूल कोविड-19 तथा ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में तेजी से उभरने वाले दोनों ही प्रकारों के खिलाफ क्लीनिकल तौर पर प्रभावशीलता का प्रदर्शन किया है। नोवावैक्स ने अपनी एनवीएक्स-कोवी2373 टीका तकनीक का एसआईआई को लाइसेंस दिया है, जिसमें कोई अग्रिम, मध्यावधि वाला या प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भुगतान शामिल नहीं है। नोवावैक्स अधिक आय वाले देशों को इन खुराकों की आपूर्ति करेगी, जबकि एसआईआई अधिकांश रूप से एक निर्धारित मूल्य दायरे में निम्न, मध्य आय और उच्च-मध्य आय वाले देशों की आपूर्ति करेगी। कोवैक्स से किए गए वादे की 1.1 अरब खुराकों का अधिकांश भाग एसआईआई के पुणे संयंत्र से आएगा, क्योंकि इस भारतीय टीका विनिर्माता का पहले से ही एस्ट्राजेनेका और नोवावैक्स के साथ करीब दो अरब खुराकों की आपूर्ति करने का एक समझौता है।
नोवावैक्स ने इस संबंध में गावी के साथ एक करार (एमओयू) किया हुआ है। एनवीएक्स-कोवी2373 टीके की खुराकों का विश्व स्तर पर निर्माण और वितरण एसआईआई तथा नोवावैक्स द्वारा किया जाएगा। इसके लिए एसआईआई के पास पहले से ही एक समझौता है।
पुणे स्थित यह टीका दिग्गज भारतीय विनियामक से ब्रिज ट्रायल (लगभग 1,500 से 1,600 तक वाले छोटे समूह पर परीक्षण) शुरू करने के लिए भी पहले से मंजूरी प्राप्त कर चुकी है ताकि भारत में इस टीका उम्मीदवार की सुरक्षा और प्रतिरक्षात्मक क्षमता का परीक्षण किया जा सके।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी अदार पूनावाला ने कहा कि हम मानवता को लाभ पहुंचाने के लिए उपलब्ध टीके की खुराक बढ़ाने की खातिर नोवावैक्स और कोवैक्स के साथ अपनी साझेदारी को गहरा करने से खुश हैं। नोवावैक्स ने कहा कि ब्रिटेन के साथ-साथ अमेरिका और मैक्सिको में तीसरे चरण के चल रहे दो क्लीनिकल परीक्षणों में एनवीएक्स-कोवी2373 पर अध्ययन किया जा रहा है। कंपनी ने असर के अंतरिम परिणामों से सकारात्मक नतीजे दर्ज किए हैं। इस टीके ने ब्रिटेन में संचालित किए गए तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण में 89.3 प्रतिशत प्रभावशीलता दिखाई है।
