नागर विमानन सचिव राजीव बंसल ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने पश्चिम एशियाई विमानन कंपनियों को अतिरिक्त द्विपक्षीय अधिकार देने की योजना नहीं बनाई है।
एयरलाइन को एक देश से अन्य देश के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करने में सक्षम बनाने के लिए, दोनों देशों को बातचीत करनी चाहिए और द्विपक्षीय हवाई सेवा समझौते पर हस्ताक्षर करने चाहिए। यह समझौता उन उड़ानों या सीटों की संख्या निर्धारित करता है, जिन्हें दोनों देशों के बीच प्रति सप्ताह संचालित करने की अनुमति हो।
ऐमिरेट्स एयरलाइन और जजीरा एयरवेज समेत अन्य पश्चिम-एशियाई विमानन कंपनियों ने अपना परिचालन दायरा मजबूत बनाने के लिए सरकार से द्विपक्षीय अधिकार बढ़ाने का अनुरोध किया है।
हालांकि भारतीय विमानन कंपनियों ने इन हवाई सेवा समझौतों के विस्तार का विरोध किया है, क्योंकि उत्तर अमेरिका और यूरोप के लिए भारत से यात्रा करने वाले यात्री मौजूदा समय में बड़ी तादाद में खाड़ी देशों की एयरलाइनों का इस्तेमाल करते हैं। एयर इंडिया जैसी भारतीय एयरलाइनें मौजूदा समय में इन दो महाद्वीपों को प्रत्यक्ष उड़ानें संचालित करने के लिए बड़े आकार के विमान खरीद रही हैं।
सीएपीए इंडिया एविएशन समिट 2023 से इतर पत्रों से बातचीत में बंसल ने कहा, ‘हम सभी देशों के साथ 5,000 किलोमीटर के साथ मुक्त आकाश नीति से जुड़े हुए हैं। हम वियतनाम को नया केंद्र बनते देख रहे हैं। वियतनाम ओर इंडोनेशिया ज्यादा फ्रिक्वेंसी की मांग कर रहे हैं।’
पश्चिम-एशियाई विमानन कंपनियों के लिए भारत एक प्रमुख बाजार है।