लघु एवं मझोले उद्योगों (एसएमई) के विकास, गुणवत्ता नियंत्रण, निर्यात एवं आपूर्ति शृंखला प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा कार्यक्रमों की पेशकश के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों का राष्ट्रीय संस्थान (एनआईएमएसएमई) डीम्ड यूनिवर्सिटी के दर्जे की संभावना तलाश रहा है।
यह संस्थान आईटी पार्कों और एक आईपीआर प्रकोष्ठ की स्थापना के अलावा अपने अंतर्राष्ट्रीय परामर्श सेवा कारोबार के विस्तार की भी संभावना तलाश रहा है। एनआईएमएसएमई के महानिदेशक चुक्का कोंडैया ने कहा कि कई एशियाई देशों ने अपने लघु एवं मझोले उद्यमों को और अधिक जीवंत बनाने के लिए संस्थान की मदद मांगी है।
संस्थान नेपाल, लाओस, वियतनाम, थाईलैंड और भूटान में अपनी परामर्श सेवाएं मुहैया कराने की योजना बना रहा है। आईटी पार्कों की स्थापना के बारे में उन्होंने कहा कि प्रस्ताव आरंभिक चरण में है। हम इस कार्य की शुरुआती प्रक्रिया से गुजर रहे हैं और उम्मीद है कि इससे रोजगार के ढेरों अवसर पैदा होंगे।
संस्थान ने पेटेंट और डिजाइन पंजीकरण, भौगोलिक सूची और कॉपीराइट के संयोजन के लिए एक आईपीआर प्रकोष्ठ की स्थापना करने की भी योजना बनाई है। संस्थान ने उत्तर प्रदेश में संगीत उपकरण, राइस मिलिंग, चमड़ा, रेडीमेड, वूड क्राफ्ट, बर्तन निर्माण और पावरलूम क्षेत्रों और तमिलनाडु में अचार, सीमेंट पाइप और तेल क्षेत्रों में एक अध्ययन करने के बाद इसकी रिपोर्ट सरकार को भेज दी है।
अब संस्थान आंध्र प्रदेश में प्लास्टिक और चमड़ा क्षेत्रों का अध्ययन कर रहा है। एनआईएमएसएमई वारंगल में धारी हथकरघों और गोवा में फुटवियर क्लस्टर के लिए क्लस्टर विकास कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की कोशिश कर रहा है।