क्रेडिट सुइस ने कहा है कि वित्त वर्ष 22 और वित्त वर्ष 24 के बीच निफ्टी की आय में सालाना 17 फीसदी की बढ़ोतरी होगी और वित्तीय क्षेत्र के शेयर इसमें सबसे ज्यादा योगदान करेंगे।
वित्त वर्ष 12 और वित्त वर्ष 19 के बीच महज 4 फीसदी की सुस्त रफ्तार को देखते हुए निफ्टी की आय में यह बढ़ोतरी काफी अहम रहेगी। क्रेडिट सुइस के उप-प्रमुख (इक्विटी रणनीति-एशिया प्रशांत) और भारतीय इक्विटी रणनीतिकार नीलकंठ मिश्रा ने कहा, वित्त वर्ष 12 से वित्त वर्ष 19 के बीच हमने विस्तृत नरमी देखी और बैंकों की बैलेंस शीट ठीक हुई, रियल एस्टेट में सुस्ती आई, वैश्विक जेनेरिक्स में जरूरत से ज्यादा आपूर्ति हुई और दूरसंचार का मार्जिन कमजोर र हा। इनमें से कई प्रवृत्ति अब बदल रही है। आय में सुधार के लिए वित्तीय कंपनियां अहम रहेंगी, जिन्हें वित्त वर्ष 19-24 के दौरान निफ्टी के ईपीएस में करीब आधे का योगदान करना होगा।
क्रेडिट सुइस का मानना है कि पिछले कुछ महीनों में सकारात्मक आर्थिक रफ्तार देखने को मिला है जो 2022 में भी जारी रहेगी। अगर ऊर्जा आयात की कीमतें ऊंची बनी रही तो इस रफ्तार में थोड़ी नरमी आ सकती है।क्या रुपये की मजबूती के लिए आरबीआई उठाए कदम ?
