पुणे की बायोटेक फर्म माईलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस एक नए प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म पर काम कर रही है जो नमूने में न केवल कोरोनावायरस की मौजूदगी का पता लगाएगा बल्कि वेरिएंट की पहचान करने में भी समर्थ होगा। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के निवेश वाली कंपनी ने कहा कि यह उत्पाद करीब दो महीने में तैयार हो जाएगा।
माईलैब के प्रबंध निदेशक हसमुख रावल ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि कंपनी एक मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक परीक्षण पर काम कर रही है जो आरटी-पीसीआर जांच की तरह सटीक परिणाम देगा। हालांकि उन्होंने इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा, ‘आरटी-पीसीआर के तहत नतीजाआने में घंटों लग जाते हैं जबकि उसके विपरीत यह जांच प्लेटफॉर्म मिनटों में नतीजा देने में समर्थ होगा। यह नमूने में मौजूद म्यूटेशन के प्रकार का पता लगाने अथवा उसकी पहचान करने में भी समर्थ होगा।’
रावल के अनुसार, हवाई अड्डा जैसे विभिन्न प्रवेश मार्गों पर लोगों की जांच करने में यह काफी उपयोगी साबित होगा। उन्होंने कहा कि माईलैब इस जांच के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों तैयार कर रही है और यह अगले दो महीनों में तैयार हो जाएगा। उसके बाद उसे मंजूरी के लिए सरकारी एजेंसियों के पास भेजा जाएगा।
सार्स-सीओवी-2 के नए म्यूटेशन का पता लगाने के लिए नए आरटी-पीसीआर किट की जरूरत के बारे में रावल ने कहा कि पिछले साल हमने 15 से अधिक प्रमुख वेरिएंट को देखा है। उन्होंने कहा, ‘सभी प्रमुख वेरिएंट्स के लिए विशेष किट तैयार नहीं किया जा सकता है। इसे बनाने के कुछ ही महीनों के भीतर उस वेरिएंट में क्षेत्र विशेष के लिहाज से म्यूटेशन हो सकता है। इसलिए किसी खास म्यूटेशन की पहचान के लिए किट तैयार करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि विभिन्न वेरिएंट्स के लिए उपचार अथवा टीकाकरण में बदलाव नहीं किया जाता है।’
आईसीएमआर द्वारा अनुमोदित अधिकतर किट मल्टिपल जीन किट हैं। रावल ने कहा कि वायरस में मामूली म्यूटेशन होने से ये किट प्रभावित नहीं होते हैं। वे म्यूटेशन के बावजूद नमूने में वायरस की मौजूदगी का पता लगाने में समर्थ हैं। माईलैब, थर्मो फिशर साइंटिफिक और ऐबट जैसी कंपनियों ने पहले ही कहा है कि उनका किट वायरस के ओमिक्रोन वेरिएंट की मौजूदगी का पता लगाने में समर्थ है।
अगस्त में माईलैब ने कहा था कि अब वह अमेरिकी मेडिकल डायग्नोस्टिक कंपनी हेमेक्स हेल्थ के साथ साझेदारी के जरिये कई पॉइंट ऑफ केयर (पीओसी) कोरोनावायरस जांच लाने की योजना बना रही है। इस साझेदारी के तहत माईलैब जांच किट विकिसित करेगी जबकि हेमेक्स कोरोनावायरस एवं अन्य बीमारियों की जांच के लिए गैजेल पीओसी प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगी।
मई में कंपनी ने आईसीएमआर द्वारा मान्यता प्राप्त पहले सेल्फ-यूज रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) किट कोविसेल्फ को लॉन्च किया था। इसके जरिये लोग अपने घर पर ही कोविड की जांच कर सकते हैं। इससे महज 15 मिनट में नतीजा हासिल किया जा सकता है और इसकी लागत करीब 250 रुपये है। इसके अलावा माईलैब ऐसी पहली कंपनी है जिसने 2020 में इस वैश्विक महाकारी के प्रकोप के दौरान स्वदेशी आरटी-पीसीआर किट विकसित किया था।
