सलारपुरिया सत्व ग्रुप क्लाउडटेल इंडिया के उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबार का अधिग्रहण करने के लिए एक नई कंपनी स्थापित कर रही है। क्लाउडटेल इंडिया प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन की सबसे बड़ी विक्रेता है। इस अधिग्रहण को लेकर मीडिया में हो रही चर्चा से रियल एस्टेट क्षेत्र में लोगों को कोई आश्चर्य नहीं हुआ है क्योंकि प्रवर्तक विजय अग्रवाल परिवार का जोर नए जमाने के कारोबार में विस्तार पर है।
पिछले तीन साल के दौरान 35 साल पुराने इस समूह ने कई नए जमाने के कारोबार में निवेश किया है जैसे को-लिविंग (छात्रों एवं पेशेवर लोगों के लिए आवास), को-वर्किंग, डेटा सेंटर आदि। वाणिज्यिक एवं रिहायशी रियल एस्टेट कारोबार के अलावा बेंगलूरु के इस कारोबारी समूह के पास एम्बेडेड तकनीक (जो एम्बेडेड उत्पाद डिजाइन और इंजीनियरिंग सेवाएं उपलब्ध कराती है), रक्षा एवं अंतरिक्ष सेवाएं, शिक्षा आदि कई इकाइयां मौजूद हैं।
गुरुवार को समूह द्वारा सह प्रवर्तित फर्म और मैनेज्ड ऑफिस स्पेस प्रदाता सिम्पलीवर्क ऑफिसेज ने कहा था कि वह अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए अगले दो साल में 650 करोड़ रुपये खर्च करेगी। सिम्पलीर्क ने कहा कि उसने 2023 तक अपनी इन्वेंट्री दोगुना बढ़ाकर 60 लाख वर्ग फुट करने की योजना बनाई है। सलारपुरिया ने 2018 में सिम्पलीवर्क ऑफिसेज में 50 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। अप्रैल 2019 में समूह ने को-लिविंग स्पेस कोलिव में करीब 64 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टैंट के मुख्य कार्याधिकारी (भूमि सेवाएं) मयंक सक्सेना ने कहा कि नए क्षेत्रों में विविधीकरण और निवेश कंपनी की पहचान बन गई है।
पीई फंड संग करार
टाटा रियल्टी ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी संजय दत्त ने कहा, ‘उन्होंने निजी इक्विटी फंडों के साथ अपने संबंध बनाए हैं और कई रणनीतिक पहल की है। वे अपने ब्रांड का फायदा उठा रहे हैं और उसमें कोई बुराई नहीं है।’
समूह ने 2015 में अमेरिकी फंड मैनेजर ब्लैकस्टोन के साथ बराबर हिस्सेदारी वाला एक संयुक्त उद्यम स्थापित किया था। साल 2018 में निजी इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन ने सलारपुरिया सत्व ग्रुप द्वारा हैदराबाद में विकसित निर्माणाधीन दो ऑफिस परियोजनाओं में करीब 800 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
दोनों कंपनियों ने मिलकर बेंगलूरु के ग्लोबल विलेज टेक पार्क में कैफे कॉफी डे से 33 लाख वर्ग फुट जगह 2,500 करोड़ रुपये में खरीदी थी। साल 2016 में सलारपुरिया ने अपोलो एशिया आरई सिंगापुर के साथ मिलकर एक प्लेटफॉर्म तैयार किया ताकि बेंगलूरु और वडोदरा में परियोजनाओं का अधिग्रहण किया जा सके।
व्यापार में विस्तार
साल 1993 में समूह ने बेंगलूरु में 20,000 वर्ग फुट का छोटा-सा भूखंड खरीदा था। उसके बाद
उसने को-लिविंग जैसे नए क्षेत्रों में दस्तक देने के अलावा ऑफिस एवं आईटी पार्क, रिलायशी प्रॉपर्टी, मॉल, होटल आदि क्षेत्रों की ओर रुख किया था।
बेंगलूरु, हैदराबाद और पांच अन्य शहरों में अपनी उल्लेखनीय मौजूदगी के साथ कंपनी के दायरे में 120 से अधिक परियोजनाएं (रिहायशी एवं वाणिज्यिक) मौजूद हैं। इन परियोजनाओं के तहत बेंगलूरु, हैदराबाद और कोलकाता में करीब 3.5 करोड़ वर्ग फुट जगह विकसित की जा रही है। कंपनी की वेबसाइट पर कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान अर्थव्यवस्था में तेजी के मद्देनजर कंपनी वाणिज्यिक स्पेस और आईटी टेक पार्क जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।