कुशल कामगारों की कमी सहित अन्य वजहों से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 9 सेक्टरों में करीब 1,87,062 रिक्तियां हैं। नए संशोधित तिमाही रोजगार सर्वे (क्यूईएस) के आंकड़ों से यह जानकारी मिलती है।
यह अप्रैल-जून, 2021-22 तक इन प्रतिष्ठानों द्वारा दी गई कुल नौकरियों के 0.6 प्रतिशत से थोड़ा ज्यादा है। इन 9 क्षेत्रों में विनिर्माण, निर्माण ट्रेड, ट्रांसपोर्ट, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रेस्टोरेंट, आईटी-बीपीओ और वित्तीय सेवाएं शामिल हैं, जिनमें 308 लाख लोग काम करते हैं।
इन रिक्तियों में विनिर्माण की हिस्सेदारी आधे से ज्यादा है क्योंकि इस अवधि के दौरान यहां 99,429 रिक्तियां भरी जानी हैं। विनिर्माण क्षेत्र के करीब 4.5 प्रतिष्ठानों ने रिक्तियां बताई हैं। आईटी-बीपीओ में भी इतने ही प्रतिष्ठाननो ने इस अवधि के दौरान रिक्तियां बताई हैं। बहरहाल कुल मिलाकर देखें तो इस सेक्टर के सिर्फ 2,793 प्रतिष्ठानों में रिक्तियां हैं।
इन रिक्तियों की वजह इस्तीफे, सेवानिवृत्ति, कुशल श्रमिकों की उपलब्धता न होना है। चार्ट में कुशल कामगारों के अभाव को अन्य की श्रेणी में शामिल किया गया है। सर्वे रिपोर्ट के आकड़ों के मुताबिक इस श्रेणी में 39 प्रतिशत रिक्तियां हैं।
आल इंडिया सर्वे के विशेषज्ञ समूह के चेयरमैन एसपी मुखर्जी ने कहा कि सर्वे में प्रतिक्रिया देने वालों ने कुशल श्रमिकों की कमी को रिक्तियों की मुख्य वजह बताई, उसके बाद सेवानिवृत्ति व इस्तीफे आते हैं। उन्होंने कहा कि सर्वे के परिणाम जोर देते हैं कि कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय को इस क्षेत्र पर ध्यान देने की जरूरत है।
सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि 18 प्रतिशत प्रतिष्ठान औपचारिक कौशल विकास कार्यक्रम चलाते हैं, जो अधिकतर उनके अनपे कर्मचारियों के लिए होता है।
प्रशिक्षण देने वाले प्रतिष्ठानों में आईटी/बीपीओ क्षेत्र पहले स्थान पर (29.9 प्रतिशत) है, जिसके बाद वित्तीय सेवा (22.8 प्रतिशत) और शिक्षा क्षेत्र (21.1 प्रतिशत) का स्थान है।
