नैशनल कंपनी लॉ अपील ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) अमेरिकी ई-कॉमर्स फर्म एमेजॉन की उस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है, जिसमें उसने फ्यूचर समूह के साथ सौदे को साल 2019 में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की तरफ से दी गई मंजूरी निलंबित करने को चुनौती दी है। अपील ट्रिब्यूनल ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) और फ्यूचर कूपंस प्राइवेट लिमिटेड को अगले 10 दिन में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही एमेजॉन इस पर प्रत्युत्तर दाखिल करेगी।
सूत्रों के मुताबिक, एमेजॉन ने एनसीएलएटी को दी अपनी याचिका में कई दलील दी है, जिसमें कहा गया है कि फ्यूचर संग सौदे पर अप्रैल 2019 में हस्ताक्षर हुए और शिकायत साल 2021 के आखिर में दर्ज कराई गई। कानून के मुताबिक सीसीआई को लेनदेन के 12 महीने बाद अपनी मंजूरी वापस लेने का अधिकार नहीं है। ई-कॉमर्स फर्म ने इसका भी विरोध किया है कि सीसीआई की तरफ से लगाया गया जुर्माना भी पिछले मामलों में लगाए गए जुर्मानों से अलग है।
पिछले साल दिसंबर में सीसीआई ने फ्यूचर रिटेल संग हुए साल 2019 के 1,500 करोड़ रुपये के एमेजॉन सौदे को निलंबित कर दिया, जिस पर कहा गया कि कंपनी ने जानबूझकर इस सौदे के मकसद आदि से संबंधित सूचनाएं दबाई। आयोग ने एमेजॉन पर 200 करोड़ रुपये जुर्माना भी लगाया, जिसे आदेश की प्राप्ति के 60 दिन के भीतर चुकाया जाना है।
इस महीने एमेजॉन ने फ्यूचर रिटेल संग सौदे पर सीसीआई के निलंबन आदेश को एनसीएलएटी मेंं चुनौती दी। इसके अलावा एमेजॉन की भारतीय इकाई ने फ्यूचर रिटेल की परिसंपत्ति बिक्री रिलायंस इंडस्ट्रीज के मामले में आर्बिट्रेशन पर रोक के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया।
करीब 7 करोड़ कारोबारियों का प्रतिनिधित्व करने वाला कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने कहा कि एनसीएलएटी ने एमेजॉन को अंतरिम राहत देने और सीसीआई के आदेश पर रोक लगाने से इनकार किया। उसने कहा कि दिसंबर 2021 मेंं सीसीआई ने कहा था कि पूरे डिस्क्लोजर के मामले में एमेजॉन ने गुमराह किया और एमेजॉन को दी गई मंजूरी निलंबित कर दी।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने सीसीआई के 17 दिसंबर के आदेश के खिलाफ एनसीएलएटी में अपील की थी और सीसीआई के 28 नवंबर के मंजूरी आदेश को निलंबित करने का आदेश देने की मांग की थी। कैट का आरोप है कि एमेजॉन की तरफ से हुई धोखाधड़ी पर सीसीआई की मंजूरी वापस लेनी जरूरी है। कैट की अपील अन्य दो अपील संग सूचीबद्ध थी, जिसे एमेजॉन व ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स डिस्ट्रिब्यूटर्स फेडरेशन संग दाखिल किया था। तीनों याचिकाओं पर आज एनसीएलएटी में सुनवाई हुई।
