गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की दबाव वाली संपत्तियां (फ्रेगाइल असेट्स) बढ़ सकती हैं, जिसमें गैर निष्पादित कर्ज शामिल होता है। क्रिसिल के मुताबिक मानकों में बदलाव और पुनर्गठित बही के कारण इस तरह की संपत्तियां मार्च 2022 तक 5 से 6 प्रतिशत तक हो सकती हैं।
क्रिसिल रेटिंग्स में डिप्टी चीफ रेटिंग ऑफिसर और सीनियर डायरेक्टर कृष्णन सीतारमण ने कहा कि भारत में एनबीएफसी इस समय संपत्ति की गुणवत्ता सहित विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। दबाव वाली संपत्तियां मार्च 2021 में 4 से 4.5 प्रतिशत थीं।
संपत्ति की गुणवत्ता का दबाव अलग अलग संपत्ति वर्ग में अलग है। जहां आवास एवं स्वर्ण ऋण में इसका असर कम होगा, वहीं असुरक्षित कर्ज और एसएमई कर्ज के मामले में इसकी आंच तेज रहेगी।
कृष्णन ने कहा कि जीएनपीए बढऩे की रिपोर्ट संभव है, वहीं एनबीएफसी द्वारा चूक प्रोफाइल और संग्रह कुशलता के अतिरिक्त खुलासे से उन्हें मदद मिल सकती है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि पिछले 3 वित्त वर्ष से कई तरह की चुनौतियों का सामना करने के बाद वित्त कंपनियों की प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) बढ़कर अगले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 23) में 8 से 10 प्रतिशत बढ़कर करीब 30 लाख करोड़ रुपये होने की संभावना है।
बीएफआईएल के एमडी व कार्यकारी निदेशक के इस्तीफे
इंडसइंड बैंक के पूर्ण-स्वामित्व वाली इकाई भारत फाइनेंशियल इन्क्लूजन लिमिटेड (बीएफआईएल) के प्रबंध निदेशक और कार्यकारी निदेशक ने अपने पदों से इस्तीफे दे दिए हैं।
इंडसइंड बैंक ने सोमवार को बताया कि बीएफआईएल के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शलभ सक्सेना और कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) आशीष दमानी ने पिछले हफ्ते इस्तीफे दे दिए हैं।
शलभ सक्सेना और आशीष दमानी दोनों ही बीएफआईएल की प्रतिद्वंद्वी सूक्ष्म वित्त कंपनी स्पंदना स्फूर्ति फाइनेंशियल लिमिटेड से जुडऩे वाले हैं। भाषा
