टायर निर्माता एमआरएफ ने हेलीकॉप्टर टायरों को लॉन्च कर रक्षा वैमानिकी क्षेत्र में दस्तक देने की अपनी योजना का खुलासा कर दिया है। ‘एयरो मसल’ नाम से नए टायर ब्रांड को कंपनी ने चेन्नई में पेश किया है।
यह टायर ब्रांड कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक के एम मेमन ने पेश किया। इस अवसर पर कंपनी के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। एमआरएफ ऐसी पहली भारतीय कंपनी होगी जो भारतीय रक्षा वैमानिकी के लिए विमानन टायरों की आपूर्ति करेगी।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में भारतीय रक्षा वैमानिकी क्षेत्र ब्रिटेन और रूस से टायरों के आयात पर निर्भर है। इस नए उत्पाद को अंतिम रूप देने में दो वर्षों से भी अधिक अवधि के लिए शोध किया गया है। कंपनी ने इस नए उत्पाद के विकास पर तकरीबन 150 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। ये टायर आंध्र प्रदेश में मेडक जिले में कंपनी के संयंत्र में बनाए जाएंगे।
हालांकि कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि टायरों को वाणिज्यिक विमानों के लिए मुहैया कराए जाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। इन नए विमानन टायरों की आपूर्ति हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को की जाएगी और रीजनल सेंटर फॉर मिलिटरी एयरवर्दीनेस से इसे मंजूरी मिल गई है।
सबसे पहले इन टायरों का इस्तेमाल एचएएल की ओर से निर्मित चेतक रेंज के हेलीकॉप्टरों में किया जाएगा। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक ये टायर -50 डिग्री से 50 डिग्री सेल्सियस की रेंज के मौसम में भी उपयोगी साबित होंगे।
इस उत्पाद की कीमत तकरीबन 20,000 रुपये होने की संभावना है। मेमन ने कहा कि उत्पादन लागत में इजाफे के चलते कीमत पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘रबर और कच्चे माल की कीमतें आसमान छू रही हैं। लेकिन जब हमें विश्वास हो जाएगा कि बाजार इस कीमत को सहन कर सकता है तो हम इसके बारे में दोबारा सोचेंगे।’