अदाणी समूह के स्वामित्व वाली कंपनी मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) ने परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी वाली कंपनी अपोलो ग्लोबल से ऋण के जरिये 75 करोड़ डॉलर यानी करीब 5,715 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी इस रकम का उपयोग अपने मौजूदा ऋण की अदायगी और पूंजीगत खर्च संबंधी जरूरतों को पूरा करने में करेगी।
यह रकम ऐसे समय में जुटाई गई है जब घरेलू हवाई यात्रा में सुधार हो रहा है और मार्च के अंत से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भी सुचारु कर दिया गया है।
एमआईएएल देश के दूसरे सबसे अधिक व्यस्त हवाई अड्डे का संचालन करती है। कंपनी ने यह ऋण 7.25 साल के लिए लिया है। इसके जरिये वह हवाई अड्डे पर सुविधाओं को बेहतर करेगी और मरम्मत एवं रखरखाव कार्यों को आगे बढ़ाएगी ताकि यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान किया जा सके।
अदाणी समूह ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि यह निजी नियोजन के जरिये जुटाया गया अब तक का सर्वाधिक ऋण है। हालांकि समूह ने ऋण के संबंध में विस्तृत खुलासा नहीं किया है। उसने यह नहीं बताया है कि इस ऋण से उसे अपने मौजूदा ऋण की अदायगी अथवा ब्याज के मोर्चे पर कितना फायदा होगा।
पिछले साल जुलाई में अदाणी समूह ने जीवीके से मायल का अधिग्रहण किया था। उसी महीने मायल के बोर्ड ने बैंक एवं वित्तीय संस्थानों को करीब 4,000 करोड़ रुपये के भुनानेयोग्य गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर जारी एवं आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इनमें बार्कलेज बैंक, डॉयचे बैंक, जेपी मॉर्गन और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक शामिल थे।
ये डिबेंचर 12 से 25 महीनों की परिपक्वता अवधि के लिए 10.75 से 12 फीसदी कूपन दर पर जारी किए गए थे। साथ ही मायल में अदाणी समूह की 74 फीसदी हिस्सेदारी को बतौर रेहन रखते हुए डिबेंचर जारी किए गए थे।
मायल के सीईओ प्रकाश तुलसियानी ने कहा, ‘हम मुंबईवासियों के लिए मुंबई हवाई अड्डे को एक कार्यात्मक ट्रांजिट पॉइंट के बजाय एक जीवंत और पूर्ण कारोबार में बदलना चाहते हैं।’
अपोलो की पार्टनर एवं वैश्विक प्रमुख (उभरते बाजार में ऋण) ब्रिगिट पोश ने कहा, ‘हम भारत में एक प्रमुख बुनियादी ढांचा परिसंपत्ति- मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए अदाणी को व्यापक एवं दीर्घावधि पूंजी समाधान उपलब्ध करते हुए खुश हैं।’ उन्होंने कहा, ‘बाजार में काफी उतार-चढ़ाव के बीच पूरी रकम के लिए हमारी प्रतिबद्धता और दीर्घावधि परिप्रेक्ष्य से अपोलो के वैश्विक उधारी प्लेटफॉर्म की ताकत झलकती है।’
