बीएस बातचीत
वैश्विक अर्ली-स्टेज वेंचर कैपिटल फंड एंटलर ने अगले तीन साल के दौरान प्रौद्योगिकी स्टार्टअप में 10 करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश करने की योजना बनाई है। इस साल के आरंभ में भारतीय बाजार में दस्तक देने के बाद एंटलर यहां एक दर्जन से अधिक कंपनियों में निवेश पहले ही कर चुकी है। एंटलर इंडिया के पार्टनर और ऑनलाइन फर्नीचर स्टार्टअप अर्बन लैडर के सह-संस्थापक राजीव श्रीवत्स से अदिति वर्मा व दीपशेखर चौधरी की बातचीत के मुख्य अंश:
आपका निवेश थीम क्या है? किन क्षेत्रों में आपकी अधिक रुचि है?
हमने अब तक 13 निवेश किए हैं और हम शायद अगले तीन वर्षों में करीब 100 करेंगे। मैं समझता हूं कि इस रकम की तैनाती के लिए एक थीम वेब 3.0 होगा क्योंकि हमें इस क्षेत्र में काफी विशेषज्ञता प्राप्त है। दूसरा उन कंपनियों की मदद करना है जो पहले ही दिन से वैश्विक ग्राहकों के लिए काम करती हैं। इसमें सास, फिनटेक अथवा व्यापक उपभोक्ता प्रौद्योगिकी कंपनियां हो सकती हैं। हमारी नजर में तीसरा क्षेत्र ईएसजी श्रेणी में काम करने वाली कंपनियों को एकजुट करना है जैसे जलवायु परिवर्तन, मानव क्षमता एवं प्रसन्नता, मेटावर्स आदि है। हमारा मानना है कि इन तीनों क्षेत्रों में अगले दशक के दौरान तमाम यूनिकॉर्न और डेकाकॉर्न बनेंगे। यदि हम इन तीनों श्रेणियों में 80 से 90 फीसदी कंपनियों में भी निवेश कर पाते हैं तो वह अच्छा रहेगा।
आपकी नजर किस प्रकार की हिस्सेदारी पर होगी?
हमारा पसंदीदा दायरा डेढ़ से तीन लाख डॉलर है लेकिन यह आंकड़ा तमाम कारकों के आधार पर भिन्न हो सकता है। उदाहरण के लिए, वेब 3.0 और क्रिप्टो में कंपनियां टोकन हासिल कर रही हैं और वह शुद्ध रूप से इक्विटी नहीं है। इसलिए हमें पहले चेक के लिए 5 लाख डॉलर तक के लिए कहा जा सकता है। हम अभी भी उसका आकलन कर रहे हैं।
अर्बन लैडर के संस्थापक के तौर पर अर्ली-स्टेज वेंचर कैपिटल में आपको क्या कमी लगी जिसे आप बेहतर करना चाहेंगे?
वेंचर कैपिटल समुदाय में ऐसे कुछ ही लोग हैं जो किसी संस्थापक के सफर को समझ सकते हैं अथवा महज रकम उपलब्ध कराने के अलावा संस्थापकों से सहानुभूति रखते हैं। तो सबसे पहले मैं इतना कहना चाहूंगा कि एंटरलर के स्टार्टअप से संबद्ध कोई भी व्यक्ति संस्थापक होना चाहिए अथवा संस्थापकों के साथ करीबी से काम करने वाला होना चाहिए। कुछ सहयोगियों को छोड़कर अब तक की पूरी टीम के पास संस्थापक होने का अनुभव प्राप्त है। चूंकि हम सभी संस्थापक रहे हैं इसलिए हम मुद्दों पर गहराई से मंथन कर सकते हैं। इस प्रकार हम इंजीनियरिंग, उत्पाद, यूएक्स, नियुक्तियां, विपणन, ब्रांडिंग आदि की बाधाओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
बड़े फंडों द्वारा बड़ी रकम के साथ आगे बढऩे से कारोबार किस प्रकार प्रभावित हुआ है?
यह बताना जल्दबाजी होगी और मैं आपको एक बुनियादी चीज बताऊंगा। प्री-सीड में काफी हद तक भावना जुड़ी होती है। यह कोई चरण नहीं है क्योंकि वहां कुछ भी नहीं होता है। आप 10 लाख डॉलर अथवा 20 लाख डॉलर दे सकते हैं लेकिन किसी संस्थापक को केवल इसलिए कि उसके पास काफी रकम है, वह उसके 12 महीने के सफर में हासिल नहीं होगा। वे अपने उत्पादों को बाजार में फिट करने का तरीका नहीं खरीद सकते। आज तक किसी ने भी ऐसा नहीं किया है और आगे भी कोई ऐसा नहीं कर पाएगा। साल 2021 में निवेश के लिए पूंजी का प्रवाह काफी अधिक रहा और मैं समझता हूं कि वास्तविक बुनियादी कारोबार को स्थापित होने में करीब 10 साल लगेंगे। आप उसमें एक सीमा से अधिक तेजी नहीं ला सकते हैं।
क्या आपको नहीं लगता कि निवेश के लिए पूंजी प्रवाह में इस प्रकार की तेजी तकनीकी परिवेश के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकती है क्योंकि इससे तमाम लोगों को कंपनी स्थापित करने का अवसर मिलेगा?
मैं समझता हूं कि यह एक अच्छा पक्ष है। बुरा पक्ष यह है कि वही रकम वेतन में बेतहाशा वृद्धि करती है अथवा विपणन एवं छूट आदि पर बेतरतीब खर्च होती है। इस अतिरिक्त पूंजी का एक अच्छा पक्ष और एक बुरा दोनों है। उम्मीद है कि हमारे पास कई ऐसे स्टार्टअप होंगे जो लोगों स्टार्टअप में काम करने के लिए प्रशिक्षित कर रहे होंगे जो एक अच्छी बात है।