वैश्विक आर्थिक मंदी के समय में जहां घरेलू बाजार में व्यावसायिक वहानों की बिक्री पर भी असर पड़ रहा है, वहीं इस सेगमेंट में नई कंपनी मर्सिडीज बेंज इंडिया की बिक्री जनवरी से अक्टूबर के बीच पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले बढ़ी है।
मर्सिडीज बेंज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी विलफ्रायड ऑलबर का कहना है, ‘इस साल के शुरुआती 10 महीनों में हमने 200 ट्रक बेचे हैं, जबकि पिछले वित्त वर्ष यानी 2007 की समान अवधि में यह आंकड़ा 150 ट्रक था।’
कंपनी ने 2006 से ही मर्सिडीज एक्ट्रॉस ट्रक, जिन्हें कंपनी ने अपने पुणे संयंत्र में असेंबल किया था, बेचना शुरू कर दिया था। उस साल कंपनी ने 56 ट्रक बेचे थे। मर्सिडीज का वित्त वर्ष जनवरी से दिसंबर होता है।
ऑलबर कहते हैं, ‘अगर भारत में विकास दर अगले वित्त वर्ष में 6 से 7 प्रतिशत के बीच में भी रहे, तो भी ऊर्जा क्षेत्र ऐसा है, जिस पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाएगा और बाद में कोयले और बिजली क्षेत्र में भी निवेश की उम्मीद की जा सकती है। हमारे ट्रकों का इस्तेमाल मुख्य तोर पर उत्खनन से जुड़े कामों में किया जाता है।’
आयात की बढ़ती लागत पर कंपनी के प्रबंध निदेशक का कहना है कि मर्सिडी एक्ट्रॉस में 25 प्रतिशत स्थानीय कल-पुर्जे इस्तेमाल किए जाते हैं और कंपनी इस प्रतिशत को बढ़ाने पर काम कर रही है।