ऑटो उद्योग में वित्तीय संकट और घटी मांग के पथरीले रास्ते पर भी मर्सिडीज बेंज इंडिया दौड़ती हुई नजर आ रही है।
मौजूदा वित्त वर्ष के शुरुआती 10 महीनों में 3141 कारों की बिक्री दर्ज की है। हालांकि फाइनैंस हुई कारों की खरीद में मामूली कमी हुई, जबकि महंगे वाहनों की खरीद में फाइनैंस एक अहम भूमिका निभाता है।
मर्सिडीज बेंज ब्रांड के कोलकाता में हुए एक कार्यक्रम के दौरान मर्सिडीज बेंज इंडिया के सेल्स एवं मार्केटिंग निदेशक संजीव सहजवाला का कहना है, ‘मौजूदा बाजार मंदी के बावजूद इस साल बिक्री काफी अच्छी रही है और कंपनी ने इस साल के शुरुआती 10 महीनों में 3,141 कारें बेची हैं, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 2,141 कारों का था।
इस साल की कारों की बिक्री में 47 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है।’ पिछले साल मर्सिडीज बेंज ने कुल 2,491 कारें बेची थीं। सहजवाला ने इस साल में आगे के महीनों के लिए कोई भी आंकड़ा देने से इनकार करते हुए कहा कि भारत में लग्जरी कारों की कुल बिक्री, जिसमें इस सेगमेंट की प्रमुख कंपनियां शामिल हैं, लगभग 6500 कारों के पार हो सकती है और मर्सिडीज बेंज को उम्मीद है कि इस बाजार में उसकी दावेदारी सबसे मजबूत रहेगी।
उन्होंने फाइनैंस की सहायता होने वाली खरीद में मंदी को स्वीकार किया है, उनका कहना है कि पहले कुल बिक्री का 70 प्रतिशत हिस्सा फाइनैंस की मदद से मिलता था, जबकि अब यह घटकर 58-60 प्रतिशत रह गया है। मर्सिडीज बेंज अपनी बिक्री को बढ़ाने के लिए वह कई नए प्रयासों जैसे सेवा विस्तार आदि को अपने ग्राहकों को मुहैया कराने के बारे में विचार कर रही है।
उनका कहना है कि कंपनी पुणे के नजदीक अपने चाकन में 100 एकड़ वाले नए संयंत्र में 250 करोड़ रुपये के लगभग और निवेश कर सकती है, जिससे कंपनी की उत्पाद क्षमता 3000 वाहन से बढ़कर 5000 वाहन सालाना हो जाएगी और इस क्षमता को मांग को देखते हुए अगले 5 से 8 सालों में बढ़ाकर 20,000 वाहन तक किया जा सकता है।