बीएस बातचीत
वैश्विक कारोबारी पत्रिका फॉच्र्यून को भारतीय बाजार में प्रकाशित करने के लिए अधिकार हासिल करने और वीडियो समाचार ऐप एडिटरजी में बहुलांश हिस्सेदारी हासिल करने के बाद करीब 6 अरब डॉलर के कारोबार वाले आरपी संजीव गोयनका समूह ने हेलो! इंडिया पत्रिका के प्रकाशन एवं वितरण के लिए होला एसएल के साथ एक लाइसेंस समझौता किया है। होला सिलेब्रिटी की जीवन शैली और समाचार को कवर करने में विशेषज्ञता प्राप्त है। स्पेन में 15 देशों में स्थानीय संस्करणों के साथ इसे प्रकाशित किया जाता है। पिछले चार महीनों के दौरान धीरे-धीरे सौदे की ओर कदम बढ़ाने के बाद आरपी संजीव गोयनका समूह के चेयरमैन संजीव गोयनका ने ईशिता आयान दत्त से बातचीत में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश:
आपने होला ग्रुप के साथ यह सौदा कैसे किया?
हमने हेलो! को भारत में प्रकाशित करने के अधिकारों के लिए होला ग्रुप के साथ करार किया है। हमने कुछ समय तक बातचीत की और आखिरकार लगभग 10 दिन पहले इस सौदे को अंतिम रूप दे दिया। यह एक व्यापक समझौता है जिसमें भारत में प्रिंट, ई-संस्करण, सम्मेलन, कार्यक्रम, पॉडकास्ट, वीडियो, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और वेबसाइट के संचालन के अधिकार शामिल हैं। यह एक अलग क्षेत्र में हमारी मौजूदगी को सुनिश्चित करता है। कारोबार के क्षेत्र हमारे पास फॉच्र्यून है, सम-सामयिक क्षेत्र में हमारे पास ओपन है, डिजिटल क्षेत्र में हमारे पास एडिटरजी है और अब हमारे पास हैलो! आ गई है जो सिलेब्रिटी, जीवन शैली क्षेत्र पर केंद्रित है।
क्या फॉच्र्यून का पहला अंक निकल गया है?
हमने सोमवार को 50 सबसे दमदार कारोबारी महिलाओं को कवर करते हुए पहले अंक को लॉन्च किया। दूसरा अंक 500 सबसे अधिक दमदार कारोबारियों पर केंद्रित होगा। इस प्रकार दोनों अंक धमाकेदार होंगे।
डिजिटल क्षेत्र में आपकी बहुत सारी योजनाएं थीं। एडिटरजी में हिस्सेदारी खरीदने के बाद अगली योजना क्या है?
एडिटरजी को स्थानीय भाषाओं में तैयार किया जा रहा है। हम नवंबर तक उसका बंगाली संस्करण शुरू कर देंगे जिसका परीक्षण फिलहाल जारी है। उसके बाद दिसंबर से जनवरी तक हम हिंदी संस्करण लॉन्च करेंगे।
क्या विभिन्न मीडिया प्रारूपों में आपसी प्रमोशन की गुंजाइश है?
हमारे पास डिजिटल में सभी संस्करण होंगे और आप देखेंगे कि सभी प्रारूप कैसे एकीकृत किए जाएंगे। हम हेलो! और फॉच्र्यून की सामग्री लेकर उसे डिजिटल क्षेत्र में डाल सकते हैं और उन्हें बढ़ावा देने के लिए एडिटरजी का उपयोग कर सकते हैं। इसलिए क्रॉस लीवरेज की गुंजाइश बरकरार रहेगी। हमारे पास राजस्थान, महाराष्ट्र, बंगाल और नोएडा के कुछ हिस्सों में 60 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। जहां तक एडिटरजी का सवाल है तो वे पूरी तरह से निजी होंगे।
एडिटरजी के लिए ये उपभोक्ता कैसे निजी होंगे?
हम हरेक उपभोक्ता को व्हाट्सऐप पर एडिटरजी भेज सकते हैं। इसलिए मौजूदा ग्राहकों की संख्या में 60 लाख अतिरिक्त ग्राहक जुड़ जाएंगे। कोलकाता में हमारे 33 लाख ग्राहक हैं। यदि वे सभी एडिटरजी लेते हैं तो यह कोलकाता में सबसे व्यापक तौर पर प्रसारित होने वाला समाचार फॉर्मेट होगा। यह एक ऐसी चीज है जिसे हमें निजी आधार पर रखना होगा लेकिन ऐसा नहीं है कि यह केवल यहीं तक सीमित रहेगी बल्कि यह तो महज शुरुआत है।
आपने अभी-अभी हैलो! के लिए प्रकाशन अधिकार हासिल किए हैं लेकिन फिलहाल जीवन शैली श्रेणी की स्थिति दमदार नहीं दिख रही है। इस पर आप क्या कहेंगे?
फिलहाल इसकी रफ्तार सुस्त हो सकती है लेकिन लोगों के पास अधिक गतिविधियां नहीं हैं। अधिकतर लोगों के पास पहले के मुकाबले अब अधिक समय है। हमने देखा कि लोग विशेष तौर पर अपने टैबलेट या मोबाइल फोन के जरिये बहुत अधिक सामग्री का उपभोग करते हैं। वैसे भी, वैश्विक महामारी हमेशा बरकरार नहीं रहेगी और छह महीने में कुछ भी परिभाषित नहीं हो सकता है। स्थिति बहाल हो रही है और विनिर्माण सुचारु होने लगा है। इसलिए ये सभी भविष्य की संपत्तियां बनने वाली हैं।
क्या आप मीडिया क्षेत्र में और अधिग्रहण की संभावनाएं तलाश रहे हैं?
मुझे काफी दिलचस्पी है। बातचीत जारी है, लेकिन इसके बारे में फिलहाल हम बात नहीं कर सकते।
क्या समाचार से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए बातचीत चल रही है?
हां, ऐसा है।