हाल के समय में अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं की तुलना में रुपये में नरमी से आयात पर निर्भर या प्रवर्तक कंपनियों को रॉयल्टी का भुगतान करने वाली वाहन कंपनियों को चपत लग सकती है। लेकिन रुपये की तुलना में जापानी मुद्रा येन में गिरावट से मारुति सुजूकी इंडिया को लाभ होने की संभावना है।
विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय मुद्रा के मुकाबले येन में खासी गिरावट आई है और डॉलर की तुलना में रुपया नरम हुआ है, जिससे मारुति को निर्यात में खासा फायदा होगा और मार्जिन में भी सुधार होगा। जिंसों की कीमतों में नरमी और आने वाले महीनों में कई नई एसयूवी बाजार में उतारने से भी कंपनी का मार्जिन बेहतर होने की उम्मीद है।
इस साल अब तक रुपये की तुलना में जापानी येन 11 फीसदी टूटा है और सभी अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं में सबसे ज्यादा गिरावट इसी में आई है। जापानी कार कंपनी की भारतीय इकाई वाहनों के कलपुर्जों के आयात का भुगतान येन में करती है और प्रवर्तक कंपनी को निर्धारित छोटा हिस्सा येन में ही रॉयल्टी के तौर पर देती है, बाकी रॉयल्टी का भुगतान रुपये में किया जाता है। दूसरी ओर कारों के निर्यात से कंपनी को डॉलर और यूरो में आय होती है। ऐसे में विभिन्न मुद्राओं में राजस्व प्राप्त होने से मारुति के लिए स्थिति अनुकूल है और आगे इसके मार्जिन में इजाफा होने की संभावना है।
रिलायंस सिक्योरिटीज में शोध प्रमुख मितुल शाह ने कहा, ‘मुद्रा में उतार-चढ़ाव के कारण तिमाही आधार पर मारुति के मार्जिन में करीब 70 से 80 आधार अंक का सुधार होने की उम्मीद है। इनमें से 40 आधार अंक का फायदा येन में रॉयल्टी भुगतान करने और कलपुर्जों के आयात का भुगतान येन में करने की वजह से होगा। शेष 40 आधार अंक का लाभ डॉलर में होने वाले निर्यात आय की वजह से होगा।’
अन्य विश्लेषकों ने भी मुद्रा में उतार-चढ़ाव को मारुति के लिए अनुकूल माना है। मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषक जिनेश गांधी ने अपनी शोध रिपोर्ट में कहा है, ‘जिंसों की कीमतों में हालिया गिरावट और रुपये की तुलना में येन में नरमी से मारुति के मार्जिन में 180 आधार अंक का इजाफा हो सकता है।’
वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही के अंत तक मारुति का येन में निवेश करीब 80 अरब येन था, जो मुख्य रूप से कलपुर्जों के आयात और वेंडरों का भुगतान का हिस्सा था। चौथी तिमाही के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि कुछ आयात डॉलर और यूरो में भी होते हैं लेकिन ज्यादातर आयात का भुगतान येन में ही किया जाता है।
इस बीच कंपनी का निर्यात भी बढ़ा है। 2021-22 में मारुति ने रिकॉर्ड 3,28,000 कारों का निर्यात किया था। चालू वित्त वर्ष में भी निर्यात की रफ्तार बरकरार है। चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में कंपनी ने 45,604 कारों का निर्यात किया है। मुद्रा में अनुकूल उतार-चढ़ाव, नए उत्पाद, मजबूत मांग, आपूर्ति में सुधार और जिंसों के दाम स्थिर रहने से कंपनी के मार्जिन में सुधार होने से की उम्मीद है जिससे निवेशकों का भरोसा भी कंपनी के प्रति बढ़ा है।
