करीब 80 अरब डॉलर का शादी-विवाह उद्योग शुरू में वैश्विक महामारी से बुरी तरह प्रभावित होने वाले उद्योगों में से एक था। भारत की अग्रणी ऑनलाइन कंपनियों में से एक मैट्रिमोनी डॉट कॉम लिमिटेड के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी मुरुगवेल जानकीरामन कहते हैं कि उद्योग वापस पटरी पर आ गया है और कई गुना बढऩे वाला है। उन्होंने शाइन जैकब से खास बातचीत में कोविड के प्रभाव, शादीसागा डॉट कॉम के अधिग्रहण के कारण तालमेल तथा भविष्य की रणनीतिक योजना के बारे में भी बताया। संपादित अंश :
क्या आप इस क्षेत्र पर ओमीक्रॉन का कोई असर देखते हैं और क्या यह सुधार की राह पर है?
ओमीक्रोन का अभी कोई प्रभाव नहीं है, क्योंकि बहुत सारे मामले नहीं हैं। उम्मीद है कि भारत तीसरी लहर में नहीं आएगा। जहां तक जोड़े बनाने और शादी-विवाह सेवाओं के कारोबार की बात है, तो पिछली पांच तिमाहियों में हमारी लगातार दोहरे अंकों की बिलिंग वृद्धि थी और मार्जिन भी बढ़ रहा था।
कोविड के दौरान भारत में डिजिटल अपनाने में वृद्धि हुई है। हमारे मामले में इससे जोड़े-बनाने वाले प्लेटफॉर्म के लिए साइन इन करने में अच्छी-खासी तेजी आई। इस श्रेणी में हम एकमात्र लाभ कमाने वाली कंपनी हैं। कोविड के बाद तकनीकी उत्पादों की मांग है। चूंकि जोरदार तरीके से डिजिटल अपनाया जा रहा है, इसलिए आईटी की मांग है, जो एक चुनौती है।
आपने हाल ही में शादीसागा डॉट कॉम का अधिग्रहण किया है। इससे शादी-विवाह सेवाओं के कारोबार में क्या तालमेल आया है?
हम इसे एकीकृत करने की प्रक्रिया में हैं। यह खंड अब भी प्रारंभिक अवस्था में है। हम वृद्धि की रफ्तार जारी रहने की उम्मीद कर रहे है। कोविड के कारण विवाह सेवा खंड प्रभावित हुआ था, क्योंकि कोविड की वजह से शादी-विवाह नहीं हो रहे थे। शादी में कितने लोग शामिल हो सकते हैं, इस पर प्रतिबंध थे। इसलिए जाहिर है कि वह कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ था। पिछले छह महीनों में शादी-विवाह की संख्याओं में फिर से तेजी आई है और आज हमारे पास कोई प्रतिबंध नहीं है। स्थिति फिर से सामान्य हो रही है। हमें उम्मीद है कि शादी-विवाह सेवाओं का यह कारोबार सालाना आधार पर तीन अंकों की दर से बढ़ेगा।
इस खंड में हम दक्षिण में मजबूत थे। शादीसागा डॉट कॉम की उत्तर और पश्चिम में अच्छी मौजूदगी थी। सूचीवार बात करें, तो इस अधिग्रहण से बहुत सारे लाभ हुए हैं। उनके लगभग 10 लाख सोशल मीडिया फॉलोअर्स थे, जो हमारे लिए मददगार होंगे। साथ ही संस्थापकों का आईआईटी से अच्छी इतिहास है। आपूर्ति पक्ष और विक्रेता पक्ष के भी फायदे हैं।
कोविड के बाद वृद्धि की आपकी क्या अपेक्षाएं हैं?
फिलहाल शादी-विवाह उद्योग तकरीबन $80 अरब डॉलर का है और दस साल से भी कम वक्त में 0.5 लाख करोड़ डॉलर के स्तर तक पहुंचने की संभावना है। अभी भारत की प्रति व्यक्ति आय करीब 2,000 डॉलर है। अगले दस वर्षों में देश की वृद्धि 2.5 लाख करोड़ डॉलर से 10 लाख करोड़ डॉलर की उम्मीद से प्रति व्यक्ति आय भी 6,000 डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। तब शादियों पर लोगों का खर्च भी बढऩे की उम्मीद है, क्योंकि किसी भी व्यक्ति की जिंदगी में यह सबसे खर्चीला कार्यक्रम होता है। प्रति जोड़ा शादी-विवाह का खर्च लगभग 10 लाख रुपये से 12 लाख रुपये तक है, जो तब तक 30 लाख रुपये से 40 लाख रुपये तक जा सकता है।
आपकी विस्तार योजनाएं क्या हैं?
हमारी तीन विदेशी देशों में मौजूदगी है। बांग्लादेश और श्रीलंका में हमारे परिचालन हैं। हम अगली तिमाही के अंत तक हम श्रीलंका में एक इकाई स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं। हमने करीब 40 दिन पहले जोड़ी नामक एक एप्लिकेशन भी शुरू की है। यह कम साक्षर और गैर-अंग्रेजी भाषी आम लोगों के लिए एक एप्लिकेशन है। इसके माध्यम से लोग तमिल में जोड़े बना सकते हैं। बाद में हम अन्य भाषाओं में भी इसका विस्तार करेंगे।