आयातित शराब के क्षेत्र, जिसमें मौजूदा समय में शराब आयतकर्ता और वितरणकर्ता जैसे ब्रिंडको और सोनेरिज का ही दबदबा है, में स्थानीय कंपनियों जैसे शेमपेन इंडेज, सुला और यूनाइटेड ब्रेवरीज (यूबी) की भी दिलचस्पी बढ़ती जा रही है।
इन कंपनियों की इच्छा उनके पोर्टफोलियो के विस्तार में है, ताकि वे विभिन्न कीमतों के सेगमेंट वाले भारतीय ग्राहकों को शराब मुहैया करा सकें। उद्योग जगत के अनुमानों के अनुसार देश में शराब का कुल बाजार 12 लाख केस का है, जिसमें से आयातित शराब के क्षेत्र 22,000 केस या 20 प्रतिशत है।
हालांकि इंडियन वाइन एकेडमी के अध्यक्ष सुभाष अरोड़ा का कहना है, ‘उद्योग जगत में सभी क्षेत्रों में 30 प्रतिशत की जबरदस्त विकास दर दिखाई दे रही है। इस तरह, उद्योग जगत की बड़ी कंपनियां दुनियाभर से आयातित शराब को शामिल करने के लिए तेजी से अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कर रही हैं, ताकि विभिन्न कीमतों के वर्ग वाले ग्राहकों तक पहुंच सकें।’
बड़ी घरेलू कंपनियों में से एक और शेत्यु इंडेज के तहत घरेलू शराब बनाने वाली शेमपेन इंडेज ने हाल ही में भारत के हर हिस्से में बनने वाली शराब की एक शृंखला पेश करने के लिए इंडेज वाइनयार्ड पेश की है। कंपनी की योजना उसकी अधिग्रहित कंपनियों थाची वाइन्स कंपनी और वाइनक्रेस्ट की ऑस्ट्रेलियाई शराबों की शृंखला को नए बनाए गए ब्रांड के तहत पेश करने की है।
शुरुआत के लिए थाची वाइन्स के परिचालन प्रबंधक टिम पीयर्स का कहना है, ‘हम शराब की ब्रोकन अर्थ शृंखला पेश करने वाले हैं, जिसकी कीमत 1000 रुपये के लगभग होगी और इसके बाद थाची से रेड स्काइस और साउथ बे शृंखला पेश होगी, जिसकी कीमत 1000 रुपये से शुरू होगी।’ पीयर्स का कहना है, ‘कंपनी की योजना महंगी शराब को उसकी ऑस्ट्रेलियाई वाइन क्रेस्ट से 3000 रुपये या उससे अधिक कीमत पर पेश करने की भी है।’
शेम्पेन इंडेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रंजीत चौगले का कहना है, ‘इसके पीछे हमारी रणनीति बहुत बड़े पोर्टफोलियो की है, जो विकासशील बाजारों में 100 रुपये की कम कीमत से लेकर 1500 रुपये या उससे अधिक महंगी शराब के सेगमेंट की मांग को देखते हुए अपने उत्पाद उतारने की है।’
इसी तरह यूबी समूह की यूनाइटेड विंटर्न्स लिमिटेड, जिसकी फ्रेंच शराब ब्युवेट लादुबे का शराब के अलावा स्थानीय ब्रांड जिंजी काफी मशहूर है, की अब विभिन्न देशों और क्षेत्रों से यहां लाकर शराब बेचने के लिए अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को बढ़ाने पर नजर है।
पिछले 6 महीनों में कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया का मशहूर गॉस्प्सि लेबल पेश किया है और मौजूदा समय में दक्षिण अफ्रीका की शराब की शृंखला 10 चैप्टर्स पेश करने में लगी हुई है। इसके अलावा कंपनी बर्गंडी, फ्रांस जो बकर्ड लेन फिल्स से मशहूर है, पुर्तगाल से पिंक एलीफैंट शृंखला को भी भारत में पेश करने के लिए नजरें लगाए बैठी है।
यूबी के मार्केटिंग प्रमुख संजय रॉय का कहना है, ‘कंपनी की पोर्टफोलियो विस्तार योजना में फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, पुर्तगाल और न्यूजीलैंड से 35 लेबल से अधिक शामिल हैं।’ वाइन सोसायटी ऑफ इंडिया के निदेशक डेविड स्टैनफोर्ड का कहना है, ‘पहले ही भारत में आयातित शराब की अच्छी शृंखला मौजूद है।’ बाजार में मोएट-हैंसी और डियाजियो जैसे प्रतिद्वंद्वी मौजूद हैं।