बीएस बातचीत
ऑनलाइन बीमा ब्रोकर पॉलिसीबाजार और लोन मार्केटप्लेस पैसाबाजार का परिचालन करने वाली पीबी फिनटेक हाल में शेयर बाजारों पर सूचीबद्घ हुई। पॉलिसीबाजार के संस्थापक एवं चेयरमैन यशीष दहिया ने दीपशेखर चौधरी के साथ बातचीत में यह बताया कि कैसे इस सूचीबद्घता से कर्मचारियों को फायदा होगा। मुख्य अंश:
कितने कर्मचारी कर्मचारी शेयर स्वामित्व योजनाओं के जरिये करोड़पति बने हैं?
करीब 70 कर्मचारी मिलिनेयर बने हैं और पॉलिसीबाजार आईपीओ की वजह से 350 से ज्यादा करोड़पति बन चुके हैं। मेरा मानना है कि ये जिंदगी बदल देने वाले आंकड़े हैं। यह कंपनी के लिए बेहद सकारात्मक कारक है।
सोमवार को एनएसई पर आयोजित कार्यक्रम में आपके माता-पिता आपके साथ थे। वे आपकी उपलब्धियों – आईआईटी, आईआईएम, आयरनमैन, अरबों डॉलर के स्टार्टअप, और अब इस आईपीओ, के बारे में क्या सोच रहे थे?
मेरे पिता मुझसे पूछ रहे थे कि आईपीओ क्या है। उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं थी और वह कभी निवेशक भी नहीं रहे थे। मेरी मां, पिछले 6-7 साल से पॉलिसीबाजार में निवेशक री हैं और मैं कहना चाहूंगा कि उन्होंने अच्छा प्रतिफल कमाकर दिया है। दरअसल, हम इस व्यवसाय में ऐसी एकमात्र कंपनी हैं। मैं बेहद उत्साहित महसूस करूंगा, यदि मेरे बच्चे एक दिन अपने दोस्तों के साथ मिलकर नए सिरे से कोई संगठन खड़ा करें, और तब और ज्यादा खुशी होगी जब वे मुझे उसके शुभारंभ के लिए उस अवसर पर मुझे आमंत्रित करें।
आपने एक बीमा कंपनी के साथ अपने पिता के खराब अनुभव के बाद पॉलिसीबाजार की शुरुआत की थी। अब समस्याएं किस हद तक सुलझ चुकी हैं और कितनी अभी भी बनी हुई हैं?
जब हमने शुरुआत की, भारत में बीमा सुरक्षा अंतर 93 प्रतिशत पर था और आज यह घटकर 82 प्रतिशत रह गया है। मेरा मानना है कि पॉलिसीबाजार ने इस दिशा में अहम योगदान दिया है। बीमा पैठ बढऩे के साथ लोगों की आय भी बढ़ रही है और इससे सुरक्षा बढ़ाने की भी जरूरत बढ़ी है।
मेरा माननना है कि भ्रामक जानकारी देकर बिक्री का स्तर अब पहले के मुकाबले काफी घट गया है, क्योंकि नियामकीय और कंपनियों ने सख्ती बढ़ाई है।
हमारा मानना है कि यदि नियम अनुकूल होते तो आप और ज्यादा तेजी से बढ़ते। अन्य राय यह है कि ऐसे समय में जब कोई भी बीमा क्षेत्र में निवेश नहीं कर रहा था, आप इन्फो एज जैसी कंपनियों का समर्थन पाकर भाग्यशाली थे। आपकी क्या रणनीति है?
बीमा दुनिया में हर जगह चुनौतीपूर्ण है और आपको हमेशा उच्च विनियमित क्षेत्र में बदलाव के संदर्भ में कुछ समस्या का सामना करना होगा। हम शुरू में बीमा उद्योग में नियामकीय चुनौतियों को नहीं समझ पाए थे।
आपका मार्जिन योगदान 2020-21 में बढ़कर करीब 40 प्रतिशत हो गया। यह यह 66 प्रतिशत की प्रति टेलीमार्केटर प्रीमियम वृद्घि के साथ 1.41 करोड़ रुपये पर रहा। इसमें कितना सुधार हो सकता है?
आप इसमें हर समय सुधार देखेंगे, क्योंकि ग्राहकों की क्षमता बढ़ रही है। मौजूदा समय में हमारे पास पिछले साल के मुकाबले बेहतर कन्वर्जन दर है। यह फिर से कर्मचारी उत्पादकता की वजह से बढ़ी है।
क्या मुनाफे में सुधार के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित है?
गणना के अर्थशास्त्र और मुनाफे को अक्सर गलत माना जाता है। हमारा मुख्य व्यवसाय 2008 से ही मुनाफे में रहा, जब हमने इसकी शुरुआत की थी। लेकिन हमने हमेशा से वृद्घि के लिए प्रयोगों पर ध्यान दिया।
हरेक बड़ी वित्तीय टेक्नोलॉजी कंपनी किसी दिन बैंक बनना चाहती है। क्या आपकी इच्छा भी बैंक या सामान्य बीमा कंपनी बनने की है?
ये चर्चाएं पर होती रहती हैं। हमें ऐसेट-लाइट, ओपन आर्किटेक्चर टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म होने का लाभ भी है। बड़ी फर्में वितरक व निर्माता बनना चाहती हैं।