वित्तीय संकट से जूझ रही देसी कंपनी कॉफी डे एंटरप्राइजेज को अब एक नया मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) मिल गया है। कंपनी के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ की पत्नी मालविका हेगड़े बेंगलूरु की इस कंपनी की नई सीईओ होंगी। उनकी नियुक्ति कर्मचारियों के लिए कोई अचरज की बात नहीं है।
एक कर्मचारी ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, ‘हर कोई चाहता था कि वह कहीं अधिक सक्रिय भूमिका में आएं और इसलिए हमारे लिए यह कोई अचंभित करने वाली खबर नहीं है।’ हालांकि कॉफी डे एंटरप्राइजेज के सीईओ के तौर हेगड़े की यात्रा काफी चुनौतीपूर्ण होगी। हेगड़े अब तक कंपनी की गैर-कार्यकारी निदेशक के तौर पर अपनी भूमिका निभा रही थीं। कंपनी अपनी गैर-प्रमुख कारोबार की परिसंपत्तियां बेचकर ऋण के एक हिस्से की अदायगी पहले ही कर चुकी है। ऐसे में कंपनी को नए सिरे से खड़ा करना उनकी सबसे बड़ी चुनौती होगी।
बेंगलूरु के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने कहा, ‘इस प्रकार के त्रासद अनुभव से गुजरने के बाद कंपनी को नए सिरे से खड़ा करना कभी आसान नहीं रहा है। सीईओ चाहे परिवार से हो अथवा बाहर से, उनके लिए यह एक बड़ी चुनौती होगी।’ हेगड़े अपने पति सिद्धार्थ की मृत्यु के करीब डेढ़ वर्ष बाद इस होल्डिंग कंपनी के सीईओ का पदभार संभाल रही हैं। सिद्धार्थ ने देश की सबसे बड़ी कॉफी शृंखला कैफे कॉफी डे की स्थापना की थी लेकिन लेनदारों के बढ़ते दबाव के बाद उन्होंने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।
हेगड़े कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा की बेटी हैं। वह एक राजनीतिक रसूख वाले परिवार में पलीबढ़ीं लेकिन उन्होंने जीवन के उतार-चढ़़ाव को काफी करीबी से देखा है। उनके एक पारिवारिक मित्र ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, ‘वह समझदार व्यक्ति हैं जिन्हें अब तक कारोबार चलाने का अवसर नहीं मिला था। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह एक मददगार पत्नी थीं जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों के दौरान अपने पति को कारोबारी साम्राज्य खड़ा करते हुए देखा है।’
हेगड़े ने बेंगलूरु से शिक्षा प्राप्त की और बाद में सिद्धार्थ से उनकी शादी हो गई थी। सिद्धार्थ को भारतीय उद्यमी जगत में एक सबसे सफल कारोबारी के तौर पर जाता जाता था जिनका दुखद अंत हो गया। संगठन के स्तर पर कर्मचारी और लोग सिद्धार्थ के प्रति काफी वफादार माने जाते थे। इसलिए हर कोई इसे सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध होंगे और उनकी मदद करेंगे।
इस साल मार्च तक कॉफी डे एंटरप्राइजेज ने अपने लेनदारों को 1,644 करोड़ रुपये का पुनर्भुगतान किया है। इससे कंपनी का ऋण बोझ घटकर 3,200 करोड़ रुपये रह गया है जो पहले 4,900 करोड़ रुपये था।
