बढ़ती लागत और कम होते मुनाफे की तोड़ के लिए दो विमानन कंपनियां- जेट एयरवेज और किंगफिशर ने आपस में रणनीतिक और परिचालन गठजोड़ की घोषणा करने के बाद सरकारी स्वामित्व वाली विमानन कंपनी एयर इंडिया से भी इस गठजोड़ में शामिल होने का न्योता दिया है।
उनके मुताबिक, इस तरह की साझेदारी से जहां लागत कम होगी, वहीं यात्रियों को भी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। किंगफिशर एयरलाइंस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों विमानन कंपनियों ने एयर इंडिया से इस गठजोड़ में शामिल होने को कहा है।
हालांकि इस प्रस्ताव पर एयर इंडिया की ओर फिलहाल कुछ भी नहीं कहा गया है। उल्लेखनीय है कि घरेलू बाजार में किंगफिशर और जेट एयरवेज की हिस्सेदारी करीब 58 फीसदी है, जबकि एयर इंडिया की हिस्सेदारी करीब 14.7 फीसदी है।
ऐसे में अगर एयर इंडिया भी इस गठजोड़ में शामिल हो जाती है, तो तीनों कंपनियों के गठजोड़ की कुल बाजार हिस्सेदारी करीब 72 फीसदी हो जाएगी। भारतीय प्रतिस्पद्र्धा आयोग के महानिदेशक अमिताभ कुमार ने बताया कि अगर यह गठजोड़ बाजार में एकाधिकार कायम करने का मन बना रहा है, तो ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
हां, अगर जेट-किंगफिशर बिना किराया बढ़ाए यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देती हैं, तो यह अच्छी बात होगी।एयर इंडिया को करीब 2,500 करोड़ रुपये का घाटा हो चुका है और उसने घाटे से उबारने के लिए सरकार से करीब 2,000 करोड़ रुपये की मांग की है।
800 कर्मियों की छंटनी
गठजोड़ के ठीक एक दिन बाद नरेश गोयल प्रवर्तक कंपनी जेट एयरवेज ने अपने 800 अस्थाई कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने का निर्णय लिया। इन कर्मचारियों को बुधवार को इसकी सूचना दी जाएगी। इन कर्मचारियों में से ज्यादातर वैसे हैं, जिनकी नियुक्ति पिछले छह माह के दौरान की गई थी।
किंगफिशर-जेट के गठजोड़ में एयर इंडिया को शामिल करने की कवायद
इससे बढ़ती लागत को कम करने में मिलेगी मदद
अगर तीनों कंपनियों का हुआ गठजोड़, तो घरेलू बाजार में होगी इनकी 72 फीसदी हिस्सेदारी