रहेजा के इनऑर्बिट मॉल्स, डीएलएफ, लेक शोर जैसे कई बड़े मॉल डेवलपर महामारी की दूसरी लहर के लॉकडाउन में खुदरा दुकानों का किराया पूरी तरह माफ करने के बारे में विचार कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी के विकराल रूप लेने के बाद इस साल अप्रैल से देश के ज्यादातर राज्यों ने लॉकडाउन लगाया है। इनऑर्बिट मॉल्स के मुख्य कार्याधिकारी रजनीश महाजन ने कहा, ‘हम निश्चित रूप से इस पर विचार कर रहे हैं। खुदरा विक्रेताओं के पास पैसा नहीं है। वे कैसे चुकाएंगे? हमें उनकी मदद करनी होगी।’ इनऑर्बिट मॉल्स मुंबई, नवी मुंबई आदि जगहों पर मॉल चलाती है। उसने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान भी खुदरा विक्रेताओं का किराया माफ किया था।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बुधवार को कहा कि वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही के दौरान मॉल में लोगों की आवक में भारी कमी आई थी, लेकिन इसमें दूसरी छमाही में अच्छा सुधार हुआ। हालांकि कोविड की दूसरी लहर ने सुधार को पटरी से उतार दिया है।
देश की सबसे बड़ी सूचीबद्ध डेवलपर डीएलएफ का भी ऐसा ही रुख है। डीएलएफ के प्रबंध निदेशक (खुदरा कारोबार) श्रीराम खट्टर ने कहा, ‘हम किराया माफ करने के बारे में विचार कर रहे हैं। हम कोई फैसला 10 से 15 दिन में लेंगे।’ पिछले साल डीएलएफ ने कोविड-19 की पहली लहर के दौरान किराया माफ किया था। यह छह मॉल और अन्य खुदरा परिसंपत्तियों का परिचालन करती है। सूत्रों ने कहा कि अबु धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी समर्थित लेक शोर इंडिया एडवाइजरी भी इस संबंध में सक्रियता से विचार कर रही है। हालांकि इस बारे में टिप्पणी के लिए कंपनी के प्रबंधन से संपर्क नहीं हो पाया।
हालांकि कुछ मॉल डेवलपर इस बारे में विचार करने से पहले इंतजार कर रहे हैं। प्रोजोन मॉल्स के सीईओ बिपिन गुरनानी ने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि स्थितियां कैसी रहती हैं क्योंकि लॉकडाउन के बाद बिक्री पिछले साल लॉकडाउन हटाने के बाद की तुलना में बेहतर है। अगर खुदरा विक्रेताओं का कारोबार अच्छा रहेगा तो किराया माफ करने का फैसला नहीं लेंगे।’ देश के सबसे बड़े मॉल डेवलपर में से एक फीनिक्स मिल्स ने कभी कोई फैसला नहीं लिया है।
फीनिक्स मिल्स के प्रबंध निदेशक शिशिर श्रीवास्तव ने पिछले सप्ताह बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘हमने किरायों में छूट के संबंध में कारोबारी बातचीत केवल तभी शुरू की, जब मॉल चालू हो गए। इससे बिक्री और इसलिए नकदी आवक देखकर हम और हमारे खुदरा साझेदार एक समझदारी फैसला लेने और दोनों ही के लिए फायदेमंद समाधान तलाशने में सक्षम रहे। इसलिए हम किराये में छूट के बारे में चर्चा सभी जगहों पर लॉकडाउन 2 के प्रतिबंध हटने के बाद करेंगे।’
इक्रा ने बुधवार को कहा कि पहली लहर से वित्त वर्ष 2021 में खुदरा मॉल की शुद्ध परिचालन आय 50 फीसदी तक घट गई थी। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि खुदरा लीज खंड पर नकदी आवक का दबाव निकट अवधि में ज्यादा दिखाई दे रहा है क्योंकि राज्य स्तरीय लॉकडाउन और प्रतिबंधों से किरायेदारों के राजस्व पर असर पड़ता है और इसलिए मॉल डेवलपरों द्वारा किराये में छूट दी जा रही है।
उसने कहा है कि जब खुदरा परिचालन महामारी के असर से उबर जाएगा तो किराया संग्रह फिर से पहले के स्तरों पर आने की संभावना है। इक्रा ने कहा, ‘इसके बावजूद ऐसे सुधार की समयसीमा खुदरा मॉल के लक्षित उपभोक्ता वर्ग में टीकाकरण की रफ्तार और दूसरी लहर से खर्च योग्य आय पर प्रतिकूल असर के बाद उपभोक्ता रुझान में सुधार पर निर्भर करेगी।’
