दवा कंपनी ल्यूपिन रोग निदान (डॉयग्नॉस्टिक्स) कारोबार में उतर रही है। कंपनी अगले महीने से इस क्षेत्र में औपचारिक कारोबार शुरू कर देगी। रोग निदान खंड में उतरने के लिए अधिक कवायद नहीं करनी पड़ती है और कमाई भी अधिक होती है। इस खंड की वृद्धि दर इस समय दो अंकों में है।
ल्यूपिन डॉयग्नॉस्टिक्स ल्यूपिन के पूर्ण नियंत्रण वाली सहायक इकाई है। यह ल्यूपिन हेल्थकेयर का हिस्सा है। कंपनी डॉयग्नॉस्टिक्स कारोबार में उतरने के लिए टीम तैयार कर रही है और नवी मुंबई में 45,000 वर्गफुट क्षेत्र में प्रयोगशाला स्थापित कर रही है। कंपनी से जब उसकी प्रस्तावित योजना के बारे में पूछा गया तो उसने फिलहाल कुछ बताने से इनकार कर दिया।
ल्यूपिन डॉयग्नॉस्टिक्स कारोबार में अनुभव रखने वाली टीम तैयार भी कर चुकी है। क्रेडिट सुइस के विश्लेषकों ने कहा कि इस टीम को अपोलो डायग्नॉस्टिक्स, डॉ. लाल्स पैथलैब्स, एसआरएल और रिलायंस लाइफ साइंसेज जैसी कंपनियों में काम करने का अनुभव है।
क्रेडिट सुइस के अनुभव अग्रवाल और सायंतन माजी के अनुसार डॉयग्नॉस्टिक्स क्षेत्र में ल्यूपिन के आने से इस कारोबार में प्रतिस्पद्र्धा काफी बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा, ‘डॉयग्नॉस्टिक्स क्षेत्र में उतरने में खास परेशानी पेश नहीं आती है और निवेश की गई पूंजी पर प्रतिफल भी तगड़ा मिलता है। यही देखकर डिजिटल माध्यम से स्वास्थ्य सेवा देने वाली कंपनियों सहित नई इकाइयां भी इसमें संभावनाओं का लाभ उठाने की कोशिश कर रही हैं।’
अमूमन दवा कंपनियों का चिकित्सकों से अच्छा संपर्क होता है। इसके बावजूद दवा कंपनियां डॉयग्नॉस्टिक्स कारोबार में नहीं उतरी थीं। मगर विश्लेषकों को लगता है कि ल्यूपिन के आने के बाद दूसरी दवा कंपनियों का भी इस खंड में दखल बढ़ जाएगा। ल्यूपिन नवी मुंबई में 45,000 वर्गफुट जगह में नैशनल रेफरेंस लैबोरेटरी तैयार कर चुकी है, जहां कई तरह की जांच हो सकेगी। कंपनी अब अपने साथ फ्रैंचाइजी जोडऩे पर ध्यान केंद्रित कर रही है। फ्रैंचाइज इंडिया होल्डिंग्स के अनुसार ल्यूपिन 2 से 5 लाख रुपये तक निवेश करने वाले फ्रैंचाइजी तलाश रही है, जिन्हें किसी तरह की जमानत नहीं रखनी पड़ेगी। कंपनी हब-ऐंड-स्पोक मॉडल अपनाएगी, जिसमें प्रयोगशालाओं का परिचालन ल्यूपिन हेल्थकेयर करेगी और नमूने इक_े करने वाले केंद्र स्थापित होंगे।
कंपनी पहले देश के पश्चिमी (मुंबई, पुणे, नागपुर, नाशिक और कोल्हापुर), मध्य (पटना और रांची) और पूर्वी हिस्से (कोलकाता, सिलीगुड़ी और गुवाहाटी) में कारोबार खड़ा करने पर ध्यान द रही है।
देश में डॉयग्नॉस्टिक्स कारोबार 6 अरब डॉलर का है मगर इनमें आधी हिस्सेदारी अस्पतालों में स्थापित रोग निदान सुविधाओं की है। क्रेडिट सुइस ने कहा कि अस्पतालों से बाहर यह कारोबार 3 अरब डॉलर के साथ छोटा जरूर है मगर कारोबारी संभावनाओं से जुड़ी तमाम खूबियों की वजह से यह नई इकाइयों के लिए आकर्षक बन गया है। वित्त वर्ष 2021 में मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर 10.5 करोड़ डॉलर लगाकर 2.1 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ काम कर रही थी। इसकी तुलना में ल्यूपिन का बाजार पूंजीकरण (2.5 अरब डॉलर निवेश के साथ) 5.8 अरब डॉलर है।