एलऐंडटी फाइनैंस होल्डिंग्स (एलटीएफएच) को उम्मीद है कि मार्च 2026 के आखिर तक खुदरा ऋण की हिस्सेदारी मौजूदा 50 प्रतिशत के स्तर से बढ़कर 80 प्रतिशत हो जाएगी।
इंजीनियरिंग क्षेत्र की दिग्गज लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) की इस फाइनैंसिंग शाखा की योजना खुदरा ऋण की वृद्धि दर में इजाफा करते हुए इस लक्ष्य तक पहुंचने की है। कंपनी मौजूदा 10-15 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक विकास दर (सीएजीआर) को बढ़ाकर 25 प्रतिशत करना चाहती है। परिसंपत्ति गुणवत्ता के दबावों का सामना करने की अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए एलटीएफएच का लक्ष्य वित्त वर्ष 26 तक प्रावधान दायरा अनुपात मौजूदा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करना है।
यह कार्य योजना तैयार करते हुए कंपनी ने कहा कि वह ग्रामीण खंड की एक प्रमुख कंपनी बनी रहेगी और शहरी फ्रेंंचाइजी निर्मित करेगी। यह क्रॉस बिक्री जैसी रणनीतियों का इस्तेमाल करते हुए उत्पाद की पैठ में इजाफा करेगी। एक निवेशक रिपोर्ट के अनुसार यह ऋणदाता कृषि, एसएमई और शहरी फाइनैंस खंडों में नए उत्पाद लाने की योजना बना रही है।
दिसंबर 2021 में इसके खुदरा बहीखाते में सालाना आधार पर छह प्रतिशत का इजाफा नजर आया, जो बढ़कर 42,602 करोड़ रुपये हो गया, जबकि क्रमिक रूप से इसमें चार प्रतिशत का इजाफा हुआ था।
खुदरा के भीतर इसके दो खंड हैं – 32,166 करोड़ रुपये के ऋण बहीखाते वाला ग्रामीण फाइनैंस और 10,420 करोड़ रुपये वाला आवास वित्त पोर्टफोलिया। कुल बहीखाते में खुदरा की हिस्सेदारी दिसंबर 2020 में 40 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत (42,602 करोड़) हो चुकी है।
हालांकि खुदरा बहीखाते में विस्तार देखा गया है, लेकिन दिसंबर 2021 के अंत में इसका कुल ऋण बहीखाता सालाना आधार पर 15 प्रतिशत घटकर 85,552 करोड़ रह गह है। क्रमिक रूप से सितंबर 2021 में यह 86,936 करोड़ रुपये के स्तर से नीचे आया है।
