इंजीनियरिंग दिग्गज लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) ने अपने मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) एस एन सुब्रमण्यन को पिछले वित्त वर्ष 61.27 करोड़ रुपये का वेतन चुकाया, जो वित्त वर्ष 2021 के मुकाबले करीब 115 प्रतिशत की वृद्धि है, क्योंकि दो वर्ष के कोविड-19 संक्रमण के बाद भारतीय उद्योग जगत में कार्यकारी स्तर पर वेतन में अच्छी तेजी दर्ज की गई है।
कंपनी की वित्त वर्ष 2022 की सालाना रिपोर्ट के आंकड़े से पता चलता है कि दरअसल, वित्त वर्ष 2022 में एलऐंडटी के कार्यकारी निदेशकों (सुब्रमण्यन समेत) का कुल वेतन कंपनी के कर्मचारियों के पारिश्रमिक से 120-670 गुना था। शीर्ष प्रबंधन के पारिश्रमिक में तेज बढ़ोतरी मानव संसाधन में दक्षता को ध्यान में रखते हुए की गई है। वित्त वर्ष 2021 में एलऐंडटी के कार्यकारी का वेतन कंपनी कर्मचारियों के सामान्य पारिश्रमिक के मुकाबले 56 से 337 गुना था।
डेलॉयट द्वारा एक ताजा अध्ययन (470 कंपनियों को कवर किया गया) से पता चला है कि भारतीय सीईओ को वित्त वर्ष 2022 में 11.2 करोड़ रुपये का औसत वेतन पैकेज मिला, जो तीन साल में सर्वाधिक है। इसकी वजह यह भी है कि वित्त वर्ष 2022 में बिक्री और शुद्ध लाभ में सुधार आया, जिससे कंपनियों को अपने शीर्ष अधिकारियों पर ज्यादा खर्च करने के लिए प्रोत्साहन मिला।
डेलॉयट के अनुसार, वित्त वर्ष 2021 में औसतन सीईओ वेतन 9.4 करोड़ रुपये था, जबकि वित्त वर्ष 2020 में औसतन पारिश्रमिक 9.8 करोड़ रुपये था। एलऐंडटी के मामले में कार्यकारी वेतन में वृद्धि इसलिए भी शानदार रही है, क्योंकि वित्त वर्ष 2022 में फिर से वृद्धि की राह पर लौटने में सफल रही और उसका समेकित राजस्व सालाना आधार पर 15 प्रतिशत बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2021 में व्यावसायिक गतिविधि में कोविड-19 संबंधित समस्याओं के कारण राजस्व 6.9 प्रतिशत तक घटकर 1.35 लाख रह गया। लाभ समूह शेयरधारकों से संबंधित है जिसमें असाधारण मदद शामिल नहीं है और यह वित्त वर्ष 2022 में सालाना आधार पर 18.74 प्रतिशत बढ़कर 8,752 करोड़ रुपये पर दर्ज किया गया। रिपोर्ट से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2021 में शेयरधारकों के लिए समूह स्तर पर लाभ करीब 22 प्रतिशत तक घटकर 6,925 करोड़ रुपये रह गया।
समूह चेयरमैन एएम नाइक ने कंपनी की वित्त वर्ष 2022 की सालाना रिपोर्ट में कहा है कि राजस्व और मुनाफा वृद्धि को सुधरते परियोजना क्रियान्वयन और निर्माण गतिविधि से मदद मिली। नाइक ने कहा, ‘वर्ष के लिए हमारा ऑर्डर प्रवाह 1.92 लाख करोड़ रुपये पर रहा और इसे हाइड्रोकार्बन तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर खंड में हासिल हुए घरेलू तथा विदेशी सौदों से मदद मिली। जहां घरेलू ऑर्डर प्रवाह की स्थिति अनुमान के मुकाबले कुछ कमजोर रही, वहीं पश्चिम एशिया में यह प्रवाह मजबूत रहा।’
वित्त वर्ष 2021 में एलऐंडटी का ऑर्डर प्रवाह 1.75 लाख करोड़ रुपये पर दर्ज किया गया, जिसे खासकर घरेलू बाजार में हाइड्रोकार्बन तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर सेगमेंटों से मजबूत मांग की वजह से मदद मिली।
