भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से पहले बीमा कंपनी के शीर्ष प्रबंधन ने आज संभावित वैश्विक निवेशकों को बीमा दिग्गज के कारोबार की व्यापकता और आकार से आकर्षित करने का प्रयास किया। बंद कमरे में वैश्विक निवेशकों के साथ हुई बैठक में देश की सबसे बड़ी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी ने कहा कि उसका एयूएम करीब 37 लाख करोड़ रुपये का है, जो देश की दूसरी सबसे बड़ी बीमा कंपनी एसबीआई लाइफ से करीब 16.6 गुना अधिक है।
एलआईसी की परिसंपत्तियां भारत के पूरे म्युचुअल फंड उद्योग के बराबर है, जिसके पास इस साल नवंबर में 37.3 लाख करोड़ रुपये का एयूएम था। एलआईसी के प्रबंधन वाली परिसंपत्तियों का आकार देश के सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) का 18 फीसदी है और यह संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश, मलेशिया, सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के जीडीपी से कहीं अधिक है।
एलआईसी के पास देश में सबसे अधिक शेयर हैं। सूत्रों के अनुसार एलआईसी ने निवेशकों को बताया कि नैशनल स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण का करीब 4 फीसदी इसके पास है। 1956 में एलआईसी की स्थापना से लेकर 2000 तक यह देश की अकेली जीवन बीमा प्रदाता कंपनी थी। प्रबंधन ने कहा कि इसकी वजह से इसके ब्रांड की गहरी मौजूदगी है और एलआईसी एक तरह से जीवन बीमा का पर्याय माना जाता है।
मजबूत ब्रांड और बाजार में अगुआ होने का इसके फायदा मिला है और कंपनी बाजार में अपनी अग्रणी स्थिति बनाए हुए है। 31 मार्च, 2021 तक एलआईसी 28.6 करोड़ पॉलिसियां जारी कर चुकी है। ब्रांड फाइनैंस द्वारा एलआईसी का मूल्यांकन 8.66 अरब डॉलर किया गया है और इसके ब्रांड की मजबूती को एएए- रेटिंग दी गई है। टाटा समूह के बाद एलआईसी देश की सबसे मूल्यवान इकाई है और ब्रांड फाइनैंस द्वारा 2021 में इस बीमा कंपनी को दुनिया का तीसरा सबसे मजबूत और 10वां सबसे कीमती वैश्विक बीमा ब्रांड करार दिया गया है। कंपनी प्रबंधन ने संभावित निवेशकों को एलआईसी के मजबूत कारोबारी संचालन प्रारूप का भी भरोसा दिया है और कहा कि इसमें सरकार, बोर्ड और उप-समितियों, केंद्रीय प्रबंधन समिति तथा पॉलिसीधारकों की परिषद का बहुस्तरीय निगरानी ढांचा है।
वित्त वर्ष 2021 में एलआईसी का कर बाद मुनाफा 6.9 फीसदी बढ़कर 2,906.77 करोड़ रुपये रहा है। वित्त वर्ष 2020 में एलआईसी को 2,712.7 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। एलआईसी की प्रीमियम आय वित्त वर्ष 2021 में 4.03 लाख करोड़ रुपये रही।
