दिग्गज सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने अपने डेट पोर्टफोलियो के लिए भारी प्रावधान किया है, जिससे यह वित्त वर्ष 2021 में अपने शुद्ध फंसे कर्ज (एनपीए) और सकल एनपीए को कम करने में कामयाब रही है। एलआईसी की 2020-21 की सालाना रिपोर्ट से पता चलता है कि एलआईसी ने 37,341.6 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिसमें से 34,934.97 करोड़ रुपये का प्रावधान संदिग्ध, स्तरहीन या घाटे वाली परिसंपत्तियों के लिए है। इसने मानक स्तर वाली परिसंपत्तियों क लिए भी 2,406.63 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
एलआईसी ने वित्त वर्ष 2020 में 4.49 लाख करोड़ रुपये के डेट पोर्टफोलियो के लिए 35,063.04 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। यह बीमा कंपनी वित्त वर्ष 2021 में अपने शुद्ध एनपीए को घटाकर 0.5 फीसदी पर लाने में सफल रही है, जो वित्त वर्ष 2020 में 0.79 फीसदी था। वहीं सकल एनपीए वित्त वर्ष 2021 में घटकर 7.78 फीसदी पर आ गया, जो वित्त वर्ष 2020 में 8.17 फीसदी पर था। 31 मार्च 2021 को एलआईसी के कुल पोर्टफोलियो 4.51 लाख करोड़ रुपये में एनपीए 35,129.89 करोड़ रुपये था। इसकी कुल स्तरहीन परिसंपत्तियां 254.37 करोड़ रुपये हैं जबकि संदिग्ध परिसंपत्तियां 20,369.17 करोड़ रुपये और नुकसान वाली परिसंपत्तियां 14,506.35 करोड़ रुपये हैं। वित्त वर्ष 2020 में एलआईसी का एनपीए 36,694.20 करोड़ रुपये था।
केंद्र सरकार कई बार दोहरा चुकी है कि वह चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2022) की अंतिम तिमाही तक इस दिग्गज बीमा कंपनी को एक्सचेंजों में सूचीबद्ध कराना चाहती है। सरकार ने इस बीमा कंपनी के मूल्य के मूल्यांकन के लिए एक्चुरियल फर्म और देश के सबसे बड़े आईपीओ के प्रबंधन के लिए बुक मैनेजर नियुक्त कर दिए हैं।
कंपनी ने वित्त वर्ष 2021 में अपने संबद्ध और गैर-संबद्ध कारोबार के निवेश से ब्याज एवं लाभांश के रूप में करीब 2.2 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है, जो वित्त वर्ष 2020 के मुकाबले करीब 10 फीसदी अधिक है। जहां तक गैर-संबद्ध कारोबार का सवाल है, एलआईसी ने निवेश पर ब्याज एवं लाभांश के अलावा निवेश प्रॉपर्टी से 439.71 करोड़ रुपये का किराया, पॉलिसी लोन पर 11,467 करोड़ रुपये का ब्याज और मॉर्गेज ऋणों पर ब्याज के रूप में 18.74 करोड़ रुपये की कमाई की है। इसने शेयर, सरकारी प्रतिभूति और अन्य प्रतिभूतियों की बिक्री से अन्य 36,42.79 करोड़ रुपये कमाए हैं। संबद्ध कारोबार के मामले में एलआईसी ने वर्ष में ब्याज के रूप में 3,622.9 करोड़ रुपये और लाभांश के रूप में 602.82 करोड़ रुपये कमाए हैं। इसके अलावा निवेश की बिक्री से शुद्ध लाभ के रूप में 1,644.12 करोड़ रुपये की कमाई हुई।
हालांकि एलआईसी का निवेश पर प्रतिफल वित्त वर्ष 2021 में घटकर 7.42 फीसदी पर आ गया, जो एक दशक में सबसे कम है। यह पिछले साल के प्रतिफल 7.54 फीसदी से करीब 12 आधार अंक कम है।
