फिनो पेमेंट्स बैंक ने जून में अपने परिचालन के पांच साल पूरे किए हैं। इसके साथ ही यह ऋणदाता लघु वित्त बैंक (एसएफबी) में तब्दील होने के लिहाज से आवेदन करने के लिए पात्र बन गया है। फिनो पीबी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी ऋषि गुप्ता ने मनोजित साहा के साथ बातचीत में कहा कि बोर्ड उपयुक्त समय पर इस तरह के कदम पर विचार करेगा और इससे भुगतान बैंकों के लिए नियमन में बदलाव को भी बढ़ावा मिला। पेश हैं मुख्य अंश:
फिनो ने पेमेंट बैंक के तौर पर पांच साल पूरे कर लिए हैं। इससे आप लघु वित्त बैंक का आवेदन करने के पात्र बन गए हैं। क्या यह आपके लिए एक बड़ी कामयाबी है?
पहले पांच साल की यात्रा काफी आकर्षक रही। ‘फिनो’ भुगतान क्षेत्र में लाभकारी बनने वाले पहले बैंकों में से एक रहा है और साथ ही सूचीबद्ध पेमेंट बैंक है। वृद्धि के संदर्भ में भुगतान बैंक क्षेत्र में अच्छी संभावनाएं मौजूद हैं। इसलिए, हमारे लिए बिजनेस मॉडल के नजरिये से एसएफबी पर जोर देने की जल्दबाजी नहीं है। एसएफबी गैर-प्रतिबंधित देनदारियां हासिल करने की पेशकश करते हैं। यह लाभदायक है और उधारी प्लेटफॉर्म की पेशकश करता है। साथ ही हम मौजूदा मॉडल में कई तरह के बदलाव देखते हैं। फिलहाल हम बोर्ड स्तर लघु वित्त बैंक में तब्दील होने को लेकर लेकर चर्चा नहीं कर रहे हैं। यह ऐसा मुद्दा है जिस पर हम नियमित आधार पर आकलन करेंगे। जब हम सही अवसर महसूस करेंगे इस पर गंभीरता से विचार करेंगे।
भुगतान बैंकों को उधार देने की अनुमति नहीं है। क्या आप मानते हैं कि आरबीआई को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने और पीबी को छोटे ऋण बढ़ाने के लिए अनुमति देने की आवश्यकता होगी?
मैं आपसे सहमत हूं। इसके कई कारण है जो आरबीआई, उद्योग मंचों द्वारा हमें बताए गए हैं। भुगतान बैंकों को सभी तरह के भुगतान लेनदेन करने की अनुमति है, हमें भुगतान बैंक में 2 लाख रुपये तक की ग्राहक जमाएं रखने की भी अनुमति है और अपने भागीदार बैंकों में हम और ज्यादा रख सकते हैं। इसलिए हमारे पास पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर है और कुछ देनदारियों से संबंधित व्यवस्था उपलब्ध है। जहां 100 प्रतिशत जमाएं सरकारी प्रतिभूतियों और एफडी से संबंधित हैं, वहीं 2 लाख रुपये की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। मेरे नजरिये से इसके लिए सीमा क्यों होनी चाहिए? यह एक पूरी तरह से सुरक्षित व्यवसाय है, इसमें ऋण जोखिम या इस तरह का अन्य खतरा नहीं है। दूसरी बात, डीआईसीजीसी कवर भी 5 लाख रुपये तक है। उधारी को लेकर हमारे ग्राहक ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं, वे हमारे पास संपूर्ण ग्राहक पेशकश के लिए खाता खुलवाते हैं।
फिनो पेमेंट्स बैंक ने इस वित्त वर्ष से अपने 2.0 वर्सन पर काम किया है। आपकी क्या योजनाएं और लक्ष्य हैं?
अपने पहले पांच साल के सफर में, हमारा लक्ष्य जमीनी आधार पर स्वयं को स्थापित करने पर केंद्रित रहा। हम जिस ग्राहक खंड पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वह देश के मध्य से निचले पायदान से जुड़ा हुआ है। वह पारपंरिक पहुंच, लेनदेन और मूल बैंकिंग सेवाएं चाहता है। पहले चरण में हमने देश के 90 प्रतिशत से ज्यादा जिलों को शामिल किया। फिनो ने हमेशा ‘फिजिटिल’ मॉडल पर जोर दिया है, जिसमें फिजिक और डिजिटल, दोनों को आसानी से पूरा किया जा सकता है। फिजिकल से सहायक फिजिकल या फिजिटिल और फिर डिजिटल पर फिनो ने जोर दिया है। फिनो 2.0 को लेकर हम अपने ग्राहकों को डिजिटल तौर पर अधिक प्रोत्साहित कर सकते हैं।
वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही मजबूत राजस्व वृद्धि के लिहाज
से अच्छी थी? इसके मुख्य कारक क्या थे?
राजस्व वृद्धि 2-3 मानकों से आई। फिनो ने इस पर जोर दिया है कि केसे हम अपना ग्राहक आधार तैयार कर सकते हैं। सीएएसए (चालू और बचत खाता जमाएं) और सीएमएस (कैश मैनेजमेंट सर्विस) हमारे प्रमुख उत्पाद हैं। हमारी सीएएसए वृद्धि चौथी तिमाही में काफी मजबूत रही। हमने चौथी तिमाही में 6.7 लाख नए ग्राहक खाते खोले, जबकि तीसरी तिमाही में यह आंकड़ा 5.1 लाख था, जिससे 30 प्रतिशत की वृद्धि का पता चलता है।
वित्त वर्ष 2023 के लिए राजस्व अनुमान क्या हैं? वित्त वर्ष 2022 में यह 1009 करोड़ रुपये था।
हमारा अनुमान है कि हम सालाना आधार पर 25 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर्ज करेंगे। वित्त वर्ष 2022 में हमारा राजस्व 28 प्रतिशत तक बढ़ा था।