पुणे के समीप दिवालिया हिल सिटी लवासा कॉरपोरेशन को दो नई बोलियां मिली हैं। इनके तहत भारतीय लेनदारों को 25 करोड़ रुपये की पेशकश की गई है जिसके करीब 8,000 करोड़ रुपये के बकाये का अग्रिम भुगतान करने की बात की गई है। इन बोलीदाताओं में धीर होटल्स रिजॉट्ïर्स ने 700 करोड़ रुपये के भुगतान की पेशकश की है। यह भुगतान लेनदारों से मंजूरी मिलने की प्रभावी तिथि के तीसरे साल से शुरू होकर सातवें साल तक चलेगा। साथ ही बैंकों को गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर जारी किए जाएंगे। दूसरे बोलीदाता डार्विन प्लेटफॉर्म इन्फ्रास्ट्रक्चर है। उसने भी 25 करोड़ रुपये के अग्रिम भुगतान की पेशकश की है और 600 करोड़ रुपये का भुगतान समान समय सीमा के तहत करने करने का प्रस्ताव है।
लेनदारों के अनुसार, लंबे समय तक चलने वाली दिवालिया प्रक्रिया के बावजूद इस प्रकार के निराशाजनक प्रस्ताव सामने आए हैं और उनके पास कंपनी को परिसमापन में भेजने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। बोलीदाताओं को काफी कम अग्रिम रकम के साथ चरणबद्ध तरीके से भुगतान की पेशकश का मतलब यह हुआ कि बैंकों को अपने बकाये पर 90 फीसदी से अधिक का नुकसान उठाना पड़ेगा।
एक बोलीदाता ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र पर कोविड वैश्विक महामारी की मार के कारण यह परियोजना अव्यवहार्य हो गई है। इस परियोजना में शुरुआती दिलचस्पी दिखाने वाली एक कंपनी के वरिष्ठï अधिकारी ने कहा, ‘इस परियोजना में काफी सरकारी मंजूरी लेने की आवश्यकता है। इसके अलावा इसमें मुकदमेबाजी का जोखिम भी बरकरार रहेगा। यही कारण है कि हमने इस दौड़ से पीछे हटने का निर्णय लिया।’
हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (एचसीसी) की सहायक इकाई लवासा को 2018 में दिवालिया प्रक्रिया के तहत भेजा गया था। इसके समाधान की समय-सीमा को कई बार बढ़ाया जा चुका है। कंपनी के खिलाफ ऐक्सिस बैंक ने सबसे अधिक 1,266 करोड़ रुपये का दावा किया है। कंपनी के अन्य प्रमुख लेनदारों में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) शामिल है।
मूल रूप से साल 2000 में स्थापित लवासा को पुणे के समीप एक मनोहर हिल स्टेशन के रूप में एचसीसी द्वारा विकसित किया गया था। पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 2010 में इस परियोजना पर काम रोकने का आदेश जारी किए जाने के बाद लवासा ने बैंक ऋण के भुगतान में डिफॉल्ट किया। खुद एचसीसी भी भारी नकदी संकट की समस्या से जूझ रही है और उसने कई बैंक ऋण के भुगतान में चूक की है।
कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के बाद लवासा सिटी के कुछ होटलों को अपनी दुकान बंद करनी पड़ी थी। उस टाउनशिप में लोगों की आवाजाही भी कम हो गई और अब लोगों की आवाजाही न के बराबर है। इस प्रकार यह टाउनशिप अब सुनसान शहर बन गया है। मौजूदा दौर में लेनदारों को काफी बेहतर अग्रिम भुगतान की पेशकश मिली है। इससे पहले के कुछ बोलीदाताओं ने महज 5 करोड़ रुपये के अग्रिम भुगतान की पेशकश की थी।