बढ़ती लागत के कारण लगातार दो तिमाही से शुद्ध मुनाफे में गिरावट दर्ज कर रही इस्पात कंपनी जेएसडब्ल्यू स्टील खराब आर्थिक हालात में सरकार से मदद की उम्मीद कर रही है।
देश की तीसरी सबसे बड़ी इस्पात कंपनी अपने लंबे उत्पादों के उत्पादन में की गई कटौती हटाकर फिर से उत्पादन बढ़ाने की योजना बना रही है। लेकिन कंपनी फ्लैट स्टील की मांग कम होने के कारण इसके उत्पादन में 20 फीसदी की कटौती जारी रखेगी।
नेविन जॉन से की गई बातचीत के दौरान जेएसडब्ल्यू स्टील के प्रबंध निदेशक सान जिंदल ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में हालात और बेहतर होंगे। मुख्य अंश:
आने वाले समय में आपको हालात में कुछ बदलाव आने की उम्मीद है?
हालात बदलने में कम से कम दो महीने और लगेंगे। शहरीकरण और औद्योगिकीकरण को ज्यादा दिन तक नहीं रोका जा सकता है। मुझे उम्मीद है कि सरकार आर्थिक हालात सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाएगी। जनवरी तक हालात सुधरने के कुछ आसार है।
इस्पात कंपनियां भी जनवरी से पूरी क्षमता के साथ उत्पादन शुरू कर देंगी।
क्या आपको लगता है इस्पात की कीमतों में और गिरावट आएगी?
घरेलू बाजार में इस्पात के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार के दामों के आधार पर ही तय किए जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस्पात की कीमत कम होने के साथ ही देश में भी इस्पात की कीमतों में कमी आएगी। अभी तक इस्पात के दामों में 50 फीसदी की गिरावट आई है।
लेकिन इस्पात के उत्पादन से जुड़ा होने के कारण मेरे लिए इसकी कीमत में आ रही गिरावट से ज्यादा चिंता की बात इस्पात की मांग में आ रही कमी है।
रिजर्व बैंक ने तरलता बढ़ाने के लिए कई क दम उठाए हैं। क्या तरलता में आ रही कमी से निपटने में इससे मदद मिली है?
बाजार में तरलता की कमी कंपनियों के लिए चिंता की बात है। फंड की कमी होने के कारण कई कंपनियों ने अपने विस्तार की योजनाएं टाल दी थी।
लेकिन अब हालात सुधर रहे हैं। अंतररराष्ट्रीय बाजार में छाई मंदी का असर हमारी कंपनी पर नहीं पड़ा है। हम विस्तार की योजनाओं पर पहले की तरह काम कर रहे हैं।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए क्या अनुमान है?
पहली छमाही में इस्पात उद्योग की विकास दर ठीक ही रही है। लेकिन दूसरी छमाही में इस उद्योग की विकास दर कम रहने की ही आशंका है। ऑटो और रियल्टी क्षेत्र में छाई मंदी के कारण इस्पात कंपनियों की विकास दर पर भी प्रभावित हुई है।
अब संपत्तियों के दाम काफी कम हुए हैं। क्या आप किसी कंपनी के अधिग्रहण की योजना बना रहे हैं?
संपत्तियों के दाम कम होने की वजह स्टॉक मार्केट में छाई मंदी है। दाम कम होने के बाद भी यह समय अधिग्रहण के लिए सही नहीं है।
दरअसल भविष्य को लेकर निश्चित तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। फंड्स की कमी भी अधिग्रहण नहीं होने की एक प्रमुख वजह है। सबसे बड़ी बात यह है कि मंदी के बाद भी संपत्ति बेचने वाले अपनी संपत्ति की कीमत बहुत अधिक लगा रहे हैं।