वैश्विक निवेश फर्म केकेआर ने आज घोषणा की कि वह हाइवे कंसेसंस वन (एचसी 1) में ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स की पूरी हिस्सेदारी 487 किलोमीटर लंबाई वाली सात राजमार्ग परिसंपत्तियां खरीदेगी।
एचसी1 भारत में एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो जीआईपी के सड़क पोर्टफोलियो का प्रबंधन करता है। ये परियोजनाएं सात राज्यों में फैली हुई हैं, जिनमें गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मेघालय, राजस्थान, तमिलनाडु, और तेलंगाना शामिल हैं।
ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स एक इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश फंड है जो इक्विटी और खास डेट निवेश करता है।
कंपनी द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि इस अधिग्रहण के साथ, केकेआर भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को मजबूत बनाना चाहती है। यह नेटवर्क कुल यातायात के लगभग 40 प्रतिशत की जरूरत पूरी करता है, लेकिन देश के सड़क नेटवर्क में इसका महज 2 प्रतिशत योगदान है।
केकेआर में इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रबंध निदेशक एवं प्रमुख हार्दिक शाह ने कहा, ‘सड़कें भारत में सबसे बड़ी और बेहद महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों में से एक हैं। हम उच्च गुणवत्ता वाले प्लेटफॉर्म में निवेश के लिए वाकई उत्साहित हैं और एचसी1 भारत के परिवहन इन्फ्रास्ट्रक्चर का एक हिस्सा है।’
केकेआर ने केकेआर एशिया पैसीफिक इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के जरिये निवेश किया है।
यह भारत में इस फंड से केकेआर का तीसरा निवेश और एशिया के परिवहन क्षेत्र में पहला निवेश है।
भारत में ताजा इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश में इंडिया ग्रिड ट्रस्ट (इंडिग्रिड) और वायरसेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। जहां इंडिग्रिड एक इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश ट्रस्ट है, वहीं वायरसेंट देश में अक्षय ऊर्जा कंपनी है।
ईवाई और डेलॉयट ने इस निवेश सौदे के लिए सलाहकारों की भूमिका निभाई है, जबकि एजेडबी ऐंड पार्टनर्स और सिम्पसन थाचर ऐंड बार्टलेट ने केकेआर के लिए कानूनी सलाहकारों की जिम्मेदारी निभाई है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर के अलावा, बेंगलूरु में मुख्यालय वाली आईटी सेवा कंपनी विप्रो ने हाइब्रिड आईटी सेवा कंपनी एंसोनो होल्डिंग्स में अपनी हिस्सेदारी वैश्विक निवेश कंपनी केकेआर को करीब 51.7 करोड़ रुपये में बेची है। विप्रो ने मार्च 2018 में इलिनॉइस मुख्यालय वाली कंपनी में 5.5 करोड़ डॉलर में 10.2 प्रतिशत हिस्सा खरीदा था।
